Posts

Showing posts from July, 2019

Featured Post

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

Image
 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

जल है तो कल है

Image
जल है तो कल है नमस्कार पाठकों! आज पूरा देश जल के संकट से जूझ रहा है।ऐसी दशा में मैंने कुछ पंक्तियां जल के संदर्भ में लिखी हैं। जल है तो कल है -इन पंक्तियों के द्वारा मैं लोगों तक यह महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाना चाहती हूँ। जल है तो कल है वर्षा की फ़ुहार है जल से, धरती की बहार है जल से, जल जीवन-आधार हमारा, जल बिन सूना ये जग सारा।। एक बूंद चातक को जैसे, प्यासे को जल अमृत वैसे, जल को व्यर्थ ना कभी बहाना, लो संकल्प है इसे बचाना।। Dr.Anshul Saxena 

सुनहरा बचपन

Image
                                                 सुनहरा बचपन  शायद आप लोगों में से कुछ लोगों का बचपन भी ऐसे ही बीता हो।तो चलिए ताज़ा कर लेते हैं कुछ यादें सुनहरा बचपन की बत्ती के जाने पर महफ़िल लगाना पंखे को झलना गप्पें लड़ाना🌞 बर्फ के गोले की चुस्की और कुल्फी 🍡 लूडो और शतरंज की बाजी लगाना🎲⚄ शाम को छतों पर पानी छिड़काना🚿🌊 रंग बिरंगी पतंगें उड़ाना🔶️🔷️ चोर सिपाही या छुप्पन छुपाई कभी गुड्डे और गुड़ियों की शादी कराना 🤴👸 दरी पर गद्दे और चादर बिछाना तारों से तारों में चेहरे बनाना🌟 ठंडा सा तकिया और प्यारी सी नींद🛌 चांदनी रात में मौसम सुहाना🌛 लोगों का लोगों से मिलना मिलाना अपनों या गैरों से रिश्ते निभाना बीत गया बचपन ज़ारी है अब भी उन सुनहरी यादों का ताता लगाना।🙇‍♀️ By: Dr.Anshul Saxena