Posts

Featured Post

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

Image
 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

होली है (Holi Hai)

Image
        हो ली है! हमारे त्योहार हमारी संस्कृति की धरोहर  हैं। ये हमारे जीवन को हर्ष उल्लास और उमंग से भर देते हैं। उसी प्रकार होली का त्यौहार हमारे जीवन में खुशियों के रंग भर देता है।  कान्हा राधा होली में   डाले रंग गुलाल  चढ़ा प्रेम का रंग जो  राधा हो गईं लाल अलग-अलग रंगों की तरह हमारे आसपास भी रंग-बिरंगे लोग होते हैं। किसी के ऊपर काम का रंग होता है। कोई अपनी धुन में मगन होता है तो कोई रंगीन मिजाज़ होता है। किसी के ऊपर प्यार का रंग चढ़ता है तो कोई पल-पल रंग बदलता है।  रंगों के त्यौहार पर, भर दिल में प्यार के रंग। दूरी सारी भूलकर, हो एक दूजे के संग। रंग से ना डर उससे डर, जो बदले पल पल रंग। रंगों के इस त्यौहार को फ़ीका ना पड़ने दें। एक दूसरे पर खुलकर रंग लगाइए चाहे वह आपके प्यार का हो स्नेह का हो, गुलाल हो या फूलों का रंग हो।  आप सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 🙏💐 By: Dr.Anshul Saxena 

सलीक़ा और तरीक़ा (Saleeka aur Tareeka)

Image
  हर किसी से बात करने का सलीक़ा और तरीक़ा अलग अलग होता है।  कुछ लोग आपके बिना कहे ही सब कुछ सुन लेते हैं और कुछ लोग आपके बार बार कहने पर भी आपकी बात को सुनना नहीं चाहते। आपकी तहज़ीब और अदब को लोग अपनी मनमानी करने के लिए ग्रीन सिगनल की तरह लेते हैं। ऐसे में आपको अपने कहने का तरीका और सलीका दोनों ही बदलने पड़ते हैं।  तुम्हें बस कितना कहूंगी कि तुम जो भी कहते हो तहज़ीब में रहते हो सुनने वाले बड़ा ग़ौर से सुनते हैं खामोशी तोड़ो तहज़ीब छोड़ो बहरे ज़रा ज़ोर से सुनते हैं। 

बेटियाँ (Betiyan)

Image
  बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी गर्भ में ही एक बेटी को मार देते हो। कभी आफताब बन 36 टुकड़ों में काट देते हो। जन्म दे एक जान को हर दर्द सहती हैं। अपनों की खातिर खुद अपनी ही जान देती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी शादी में बिक जाते हो कभी उन पर रौब जमाते हो। जो सबको पीछे छोड़ बस तुमसे ही जुड़ जाती हैं। तुम उस पर हाथ उठाते हो वो जीते जी मर जाती हैं। किस्मत वालों की ही बेटियाँ होती हैं जिसकी नियत ही खोटि हो उसकी किस्मत कहाँ होती है। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। Dr.Anshul Saxena 

नव वर्ष शुभकामनाएं (New Year Wishes)

Image
 नव वर्ष शुभकामनाएं खट्टी मीठी याद लिए, बीते साल की शाम ढली। नव उमंग नव तरंग लिए, नए साल की कली खिली। नई कली जीवन महकाए, हर जीवन में मंगल लाए।। नव वर्ष की शुभकामनाएं💐🙏

सुकून (Sukoon)

Image
                          सुकून सुकून एक वह अनमोल खजाना है जो किसी को मिल जाए तो उसके आगे चांदी सोना रुपये पैसे का भी कोई मोल नहीं क्योंकि सुकून को पा सकते हैं खो सकते हैं लेकिन खरीद नहीं सकते। कितनों का यही दर्द कितनों का यही ग़म। ढूंढे जिसे ज़माना मिलता है ज़रा कम। हंसना यहीं रोना यहीं, पाना यहीं खोना यहीं, ना चांदी जहाँ सोना नहीं। दिल का सुकून होना वहीं।। आज उम्र के इस पड़ाव पर हम सभी की जिंदगी चक्की की तरह चलती है। जहां हमें सुकून ढूंढना पड़ता है और जब यह मिलता है तब वह किसी खजाने से कम नहीं लगता। एक ज़माना था जब यह हमेशा ही हमारे पास रहता था। जब दिल में उमंग थी कुछ पाना जुनून था बचपन के थे वो दिन जब दिल का सुकून था। अंत में मैं बस यही कहना चाहूंगी

हिंदी को स्वीकार करो (Hindi ko sweekar karo)

Image
 हिंदी को स्वीकार करो  (Hindi ko sweekar karo) वंचित अपने अधिकारों से, छलनी अपनों के वारों से, औरों पे पड़ती भारी जो। अपने ही देश में हारी वो।। एबीसी के चक्कर में, हस्ताक्षर में या अक्षर में, खोयी ऐसी हर दफ्तर में, वो निजी हो या सरकारी हो।। अंग्रेज़ी पर इतराते हम और हिंदी से घबराते हम चलो हिंदी को अपनाते हैं, चलो 2 का बटन दबाते हैं, एबीसीडी सीख ली हमने, अब क ख ग भी सिखाते हैं। हेलो हाय को बाय करो, नमस्कार को प्यार करो, हिंदुस्तान के वासी हो, हिंदी को स्वीकार करो।। Dr.Anshul Saxena 

नारी (Naari)

Image
  एक नारी की शक्ति का आंकलन करना किसी के बस की बात नहीं है। एक असीम शक्ति का नाम है नारी। जो हर चुनौती हर संघर्ष को हंस के पार करती हैं।  बेटियां अक्सर बेटा बन जाती है लेकिन बेटे बेटियां नहीं बन पाते। अपने घर को बसाने के लिए वह जन्म से मिली अपनी पहचान को हंसते-हंसते त्याग देती है। अपने सपने अपनों के लिए हंसी खुशी न्योछावर कर देती है। अपनी हर भूमिका असाधारण रूप में निभाने वाली नारी को कोई चुनौती नहीं रोक सकती। तुम मान दो तो मान में सम्मान देती है। जन्म क्या पहचान क्या वो जान देती है। ना भूल कर यह भूलना उसे आंकते हो तो छोटी बड़ी हर बात पर उसे जांचते हो तो रिश्ते कभी बंधन में उसे बांटते हो तो जीतेगी वो हर हाल में जब ठान लेती है।।

समझ दिल की (Samajh Di Ki)

Image
   समझ दिल की (Samajh Di Ki) यह जिंदगी भी बड़ी अजीब है। ग़ौर से देखो तो प्यार के लिए कम पड़ जाती है और नफ़रत के लिए बहुत बड़ी लगती है। कमाल की बात तो यह है कि हम जिंदगी भर उन्हीं लोगों से लड़ने में मनमुटाव में उलझे रहते हैं जो हमारे आसपास होते हैं या हमारे बेहद करीब होते हैं। सच तो यह है कि इस दिखावे की दुनिया में आपको सच्चे लोग मिल जाएं तो ख़ुद को बहुत ख़ुशकिस्मत समझ लो। कोई ऐसा जो आपको सुनता हो, आपकी फ़िक्र करता हो, आपसे आपके दिल का हाल पूछता हो तो उसे ज़िंदगी भर संजो कर रखिएगा। ऐसी रिश्तों की क़द्र करिएगा जो आपको आप जैसे हैं वैसे अपनाते हैं, जो आपको छोटी-छोटी बातों के लिए आंकते नहीं है, जो आपसे दिल से जुड़ते हैं स्वार्थ से नहीं। ठीक ही है कि कहाँ दर्द कम होता है किसी के हाल पूछने से बस तसल्ली हो जाती है कि कोई अपना है। आपको पता है कभी-कभी दिल दिमाग से ज्यादा समझदारी से काम करता है। वह खुद को हल्का रखने के लिए लोगों के दिखावे को समझते हुए भी नजरअंदाज़ कर देता है।😄 करो महफ़ूज़ वो रिश्ता जो मिल के हाल लेता है। जहां तुम डगमगाते हो तुम्हें वह ढ़ाल देता है। बड़ा नादान है ये दिल धड़

साथ (Saath)

Image
 साथ (Saath)   मुश्किलें आई है तो हल  निकलेंगे, जो कल भी निकले थे फिर कल निकलेंगे, रुक गए थे कदम जो मंजिल की राह में, साथ होंगे आप तो फिर चल निकलेंगे।।

बिकाऊ रिश्ते (Bikau Rishte)

Image
 बिकाऊ रिश्ते   आज का ज़माना पहले से कुछ अलग है। महंगाई के इस दौर में हर चीज महंगी बिकती है। इस सूची में रिश्ते भी शामिल हैं। जितना महंगा रिश्ता उतनी मेहमान नवाज़ी।  पहले ज़माने में सुविधाएं भले ही कम थी लेकिन रिश्तों में ठहराव और गहराई होती थी। मिलना जुलना औपचारिक नहीं होता था। त्योहारों में खोखला पन नहीं था। पहले सामने झगड़े होते थे लेकिन मनमुटाव क्षणिक होता था। दिलों की मिठास कम नहीं होती थी। अब दिलों की खटास दिखावे की चाशनी में परोसी जाती है। कह सकते हैं कि  दिल में अब नमी नहीं है  पर दिखावे में कमी नहीं है। जिसको यह बात अभी तक समझ ना आई हो तो नासमझ होना ही बेहतर है। नासमझी ही बेहतर है ना होना समझदार  समझ गए तो समझोगे रिश्तों का व्यापार आज के समय में महाकवि तुलसीदास जी का कथन हमेशा याद रखना चाहिए आवत ही हरषै नहीं नैनन नहीं सनेह।  तुलसी तहां न जाइये कंचन बरसे मेह। जिस समूह में शिरकत होने से वहां के लोग आपसे खुश नहीं होते और वहां लोगों की नजरों में आपके लिए प्रेम या स्नेह नहीं है, तो ऐसे स्थान या समूह में हमें कभी शिरकत नहीं करना चाहिए, भले ही वहां स्वर्ण बरस रहा हो। इन्हीं सब विचारो

हर घर तिरंगा ( Har Ghar Tiranga)

Image
         हर घर तिरंगा  ( Har Ghar Tiranga) आजादी का अमृत उत्सव, देश भक्ति में रंग बिरंगा, देश प्रेम का तिलक लगा सब, हर घर में लहराओ तिरंगा।। आतंक पनपने ना पाए, घर के भेदी घर को जाएं, आओ हम ऐसे मिल जाएं, ना फ़साद ना हो फिर दंगा। हर घर में लहराओ तिरंगा।। हर अतिथि का हो अभिनंदन, हर धर्म का करते हम वंदन, इस देश की माटी जैसे चंदन, देश प्रेम पावन ज्यों गंगा। हर घर में लहराओ तिरंगा।।

सफ़र (Safar)

Image
 सफ़र (Safar) सफ़र का अर्थ ही होता है चलते जाना और जिंदगी भी चलने का नाम है।  कभी-कभी पास की मंजिल भी दूर लगती है और कभी-कभी दूर दूर तक भी मंज़िल नहीं दिखती है। ये ऐसा सफ़र है जिसमें आपको मंज़िल का भले ही ना पता हो लेकिन आपके क़दम चलते रहने चाहिए चाहे वह कितने भी थक क्यों ना जाएं। आसाँ नहीं ये जिंदगी मुश्किल ये सफ़र है, दिखती नहीं मंज़िल कहीं चलना तो मग़र है, हर सांस में इक आस है और आस में मेरी दुआ, ऐ ख़ुदा सुन ले ज़रा सुनता तू अगर है।।

गृहणी (Grahani)

Image
 गृहणी (Grahani) समाज में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली एक ऐसी स्त्री जो शिक्षित भी है, काबिल भी है, जिसके अपने सपने भी हैं लेकिन उन सब से ऊपर उसके अपने भी हैं। जो अपना घर सजाने और बच्चों को बनाने में अपने सपने और अपनी ख्वाहिशों का हंसते-हंसते बलिदान दे देती है और फिर भी उसके बारे में बहुत कुछ अनकहा रह जाता है।  मेरा एक छोटा सा प्रयास है उस स्त्री के बारे में कुछ कहने का जिसका पूरा घर ऋणी होता है और जिसे गृहणी कहते हैं। कभी तंगी में कभी मंदी में कभी बंधन में पाबंदी में कभी घर गृहस्थी के धंधे में कभी कर्तव्यों के फंदे में, ख्वाहिश उसकी झूल गई। अपनों की परवाह करने में, वह खुद खुद को ही भूल गई। दूर पास के रिश्ते में महंगा राशन हो सस्ते में बच्चों और उनके बस्ते में दिन भर वो उलझी रहती है खाली रहती हो, क्या करती हो? ताने सुनती रहती है। तानों के ताने-बाने में घर अपना स्वर्ग बनाने में जीवन अपना ही भूल गयी। अपनों की परवाह करने में, वह खुद खुद को ही भूल गई। दिन दिन भर वो काम करे, सोचे वो कब आराम करे?🤔 छुट्टी नहीं  पगार नहीं, उसका कोई इतवार नहीं। पुरुषों से जिसका तोल नहीं,

माँ- जीवन दायिनी (Maa - Ek Jeevan Dayini)

Image
 माँ - एक जीवन दायिनी एक स्त्री जब एक जन्म देती है तब दूसरा जन्म लेती है- जिसे ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना कहते हैं यानी कि एक माँ । स्त्री का यह दूसरा जन्म उसके अंदर एक अद्भुत परिवर्तन लाता है। एक साधारण स्त्री निश्चल भाव से ओतप्रोत हो जाती है.. निस्वार्थ स्नेह, वात्सल्य, प्रेम और त्याग की मूरत बन जाती है। माँ के ऊपर तो दुनिया के समस्त काव्य ग्रंथ भी कम पड़ जाएंगे लेकिन फिर भी कुछ पंक्तियां एक मां का लिए 🙏 माँ ही जीवन दायिनी, स्नेह त्याग का रूप। माँ से पूजा आरती, माँ ही मंगल धूप। माँ ही शीतल छांव है, जीवन ये कड़कती धूप। सब बदले संसार में, माँ ना बदले रूप। माँ केवल एक जीवनदायिनी नहीं है बल्कि भविष्य निर्माता भी है। एक माँ ही कच्ची मिट्टी के समान अपने बच्चों में गुण, संस्कार, शिक्षा और व्यवहार की नींव  डालती है। एक बार अपने बच्चों को अच्छे से अच्छा जीवन देने के लिए ना केवल अपनी नींद बल्कि अपने सपने भी हंसते हंसते न्योछावर कर देती है। दुनिया के लिए माँ एक माँ होती है लेकिन बच्चों के लिए उनकी माँ ही दुनिया होती है। माँ से शिक्षा,मिलते गुण, संस्कार व्यवहार। माँ से बनता मायका, माँ से ही परि