सम्मान रिश्तों का
घर में दो रोटी ज्यादा बन जाएं, चलेगा।
सब्जी की जगह दाल बन जाए ,चलेगा।
झाड़ू पोंछा लेट हो जाए,चलेगा।
बिना बात का झगड़ा नहीं चलेगा😐
आज की मेरी पोस्ट उन पुरुषों के लिए है जो अपने अहम, ना समझी और तुनक मिजाजी में अपने परिवार में कड़वाहट घोल देते हैं।
घर आँगन है कोई जंग का मैदान नहीं है
वह आदमी ही क्या जिसे रिश्तो का मान नहीं है
यह घर है हर बात सहज होनी चाहिए
बात बे बात ना बहस होनी चाहिए
छोटी-छोटी बातों पर बात मत बढ़ाइए
घर को घर रहने दें अखाड़ा मत बनाइए
अरे तुम किससे लड़ रहे हो?
किसको जता रहे हो?
जो खुद नहीं सीखे
वह किसी और को सिखा रहे हो।
अगर कुछ सामान पड़ा है तुम उठा लो
अगर खाना लेट हो गया है तो
किचन में जाकर थोड़ा हाथ बँटा लो।
अगर सब्जी में नमक कम है
तो थोड़ा ऊपर से मिला लो,
और अगर ज्यादा है तो थोड़ा घी मिला लो
अब सामने वाले ने जानबूझकर तो गलती नही करी होंगी न तो तुम किसको समझा रहे हो?
बात में बात नहीं पर झगड़ा लगा रहे हो
दिलों की कड़वाहट को साफ कीजिए
छोटी-मोटी गलतियों को माफ कीजिए
ऐसे ना घर चलते हैं
ना चलते हैं परिवार
जिस बहस को तुम जीते हो
वो है तुम्हारे रिश्तों की हार।
रिश्तो में अकड़ नहीं पकड़ होनी चाहिए।
जो गलतियां से ना उलझे ऐसी जकड़ होनी चाहिए।
अपनी पत्नी का सम्मान करके दिखाइए
बेटी को ही नहीं बेटों को भी सिखाइए।
STOP VIOLENCE AGAINST WOMEN🙏✍️✍️✍️
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