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Showing posts from July, 2019

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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

जल है तो कल है

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जल है तो कल है नमस्कार पाठकों! आज पूरा देश जल के संकट से जूझ रहा है।ऐसी दशा में मैंने कुछ पंक्तियां जल के संदर्भ में लिखी हैं। जल है तो कल है -इन पंक्तियों के द्वारा मैं लोगों तक यह महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाना चाहती हूँ। जल है तो कल है वर्षा की फ़ुहार है जल से, धरती की बहार है जल से, जल जीवन-आधार हमारा, जल बिन सूना ये जग सारा।। एक बूंद चातक को जैसे, प्यासे को जल अमृत वैसे, जल को व्यर्थ ना कभी बहाना, लो संकल्प है इसे बचाना।। Dr.Anshul Saxena 

सुनहरा बचपन

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                                                 सुनहरा बचपन  शायद आप लोगों में से कुछ लोगों का बचपन भी ऐसे ही बीता हो।तो चलिए ताज़ा कर लेते हैं कुछ यादें सुनहरा बचपन की बत्ती के जाने पर महफ़िल लगाना पंखे को झलना गप्पें लड़ाना🌞 बर्फ के गोले की चुस्की और कुल्फी 🍡 लूडो और शतरंज की बाजी लगाना🎲⚄ शाम को छतों पर पानी छिड़काना🚿🌊 रंग बिरंगी पतंगें उड़ाना🔶️🔷️ चोर सिपाही या छुप्पन छुपाई कभी गुड्डे और गुड़ियों की शादी कराना 🤴👸 दरी पर गद्दे और चादर बिछाना तारों से तारों में चेहरे बनाना🌟 ठंडा सा तकिया और प्यारी सी नींद🛌 चांदनी रात में मौसम सुहाना🌛 लोगों का लोगों से मिलना मिलाना अपनों या गैरों से रिश्ते निभाना बीत गया बचपन ज़ारी है अब भी उन सुनहरी यादों का ताता लगाना।🙇‍♀️ By: Dr.Anshul Saxena