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Showing posts from March, 2019

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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

होली की बोली (Holi ki Boli)

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Holi ki Boli होली बोले कितनी बोली, रंगो की पुड़िया जब रिश्तो में घोली, कहीं प्यार बड़े जब रंग चढ़े, कहीं भीगी भीगी हंसी ठिठोली। कहीं उमंग के ढोल कहीं मस्ती की टोली कहीं मिलन-उत्सव  कहीं आनंद भरी झोली गुजिया भी बोले ममता की बोली आसमां में सजती रंगो की रंगोली। चंदन की खुशबू में लिपटा गुलाल, कोई होता मतवाला तो कोई होता लाल, कोई किसी का हो गया कोई किसी की हो ली, कोई बुरा ना मानो ये होली है होली।। Dr.Anshul Saxena 

नारी ना हारी ( Naari Na Haari)

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जिसके बिना जन जीवन अधूरा, वो जीवन से पहले ही कब तक मरेगी? उस युग की सीता की अग्नि परीक्षा, इस युग की सीता ही कब तक करेगी? कन्या और देवी का करते हो पूजन, वह कन्या और देवी ही कब तक घुटेगी? साहसी विदुषी जब एकाकी असुरक्षित, नियमों के बंधन में कब तक बंटेगी? मर्यादा में रहकर मर्यादा उल्लंघन, अब तक सहा है कब तक सहेगी? निर्भीक असहाय द्रोपदी दामिनी, समाज की पीड़ा में कब तक रहेगी? सुंदर सुयोग्य गुणी सुकन्या, दहेज की अग्नि में कब तक जलेगी? पुरुष से कंधा मिलाकर चली है, अहम के कांटो पर कब तक चलेगी? पुरुष का वर्चस्व जिसने है जन्मा, थमी ना कभी,कभी ना थमेगी सम्मान की अधिकारी नारी ना हारी, आगे बढ़ी है आगे बढ़ेगी।। Dr.Anshul Saxena 

जगजननी नारी (Jag Janani Naari)

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जगजननी नारी  अंदर से मजबूत बड़ी है, ऊपर से कोमल लगती है। वीरों की जननी है जो, जिगरों का जिगरा रखती है। एक परिवार में जन्म ले ये दूजे का पालन करती है। डोली में जाती जिस घर, अर्थी में बाहर निकलती है। राखी और ममता इससे, खुशियों से आंगन भरती है। त्यौहार की रौनक इससे ही हर पर्व को पूरा करती है। सुंदर निर्मल भावुक ऐसी, नीर नयन में भरती है। पूजोगे तो दुर्गा ये, छेड़ा तो काली बनती है। दीपक की ज्योति इससे ही, इससे ही पूजा और हवन, जगजननी नारी शक्ति को, आभार भरा शत शत नमन।। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Dr.Anshul Saxena 

पानी पीने का उचित समय और सही तरीका || Pani peene ka uchit tareeka

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जल से ही जीवन जल हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। कोई भी व्यक्ति एक बार को खाने के बिना रह सकता है परंतु जल के बिना जीवन असंभव है। जिस तरह पृथ्वी का ज्यादातर हिस्सा जल है। ठीक उसी तरह हमारे शरीर का आधे से ज्यादा हिस्सा यानी कि 70% भाग जल से निर्मित होता है। शरीर के हर अंग जल से ही निर्मित होते हैं। चाहे रक्त कोशिकाएं हों, किडनी हों, अथवा हड्डियां ही क्यों ना हो सभी अंगों में जल की कुछ ना कुछ मात्रा उपस्थित रहती है। हमारे शरीर से पानी किसी ना किसी रूप में चाहे वह पसीना  हो,मल मूत्र अथवा सांस छोड़ने में भाप द्वारा निष्कासित होता रहता है। ऐसे हमारे शरीर को रक्त का संचार व्यवस्थित रखने के लिए पाचन क्रिया सुचारू रूप से चलाने के लिए एवं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जल की बहुत आवश्यकता रहती है। एक सामान्य व्यक्ति को दिन भर में लगभग 2 से 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए लेकिन वे लोग जिनकी दिनचर्या में शारीरिक श्रम की अधिकता रहती है जैसे व्यायाम या दौड़ना य खेलना कूदना जिन की दिनचर्या में शामिल हों उन लोगों को सामान्यतः थोड़े अधिक प

खांसी दूर करने के अचूक उपाय / Home remedies to get rid of Cough

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खांसी ज्यादातर खांसी बदलते मौसम के समय अथवा जाड़ों में हो जाती है। सूखी खांसी हो तो गले का दर्द बहुत परेशान करता है और यदि कफ वाली खांसी हो तो सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। कभी-कभी तो रात को सोते समय लगातार खांसी उठने से सोने में भी काफी तकलीफ होती है।वैसे तो कफ सिरप लेने से खासी में बहुत आराम मिलता है लेकिन कफ सिरप के कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट होते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं होता। इसलिए बड़े बुजुर्ग और वैद्य लोगों का कहना है कि खांसी जुकाम हो जाने पर अंग्रेजी दवाइयां ना लेकर घरेलू उपाय करना ही कारगर सिद्ध होता है। आज यहां आपको बेहद आसान और आजमाएं हुए घरेलू नुस्खे जानने को मिलेंगे जो खांसी दूर करने के लिए रामबाण सिद्ध होंगे। यह ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनको आजमाने से ना केवल बच्चे बल्कि बड़ों को भी खांसी होने पर बेहद आराम मिलेगा। 1. खांसी दूर करने के लिए सबसे पहले एक सरल उपाय है कि आप एक कप गर्म पानी उबाल लें और उसमें दो चुटकी नमक मिला दे और वह पानी गुनगुना हो जाने पर उस पानी से गरारे करें इससे गले में अटका हुआ का दूर होता है यदि आप उस नमक के पानी को थोड़ा-थोड़ा