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Showing posts from April, 2022

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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

छोटा जीवन (Chchota Jeevan)

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 जीवन  (Jeevan) हम सभी का जीवन एक गति का पर्याय है अर्थात चलते रहने का नाम ही जीवन है। जीवन का सफर हमेशा आसान नहीं होता। ये अपने साथ तमाम उतार-चढ़ाव लेकर आता है।  जीवन के उतार-चढ़ाव के कारण हो सकता है हमारी गति धीमी हो जाए लेकिन हमें चलते रहना होता है। जिस प्रकार एक चींटी कभी हार नहीं मानती और अपना भोजन जुटाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है उसी तरह हमें अपने जीवन से हार ना मानते हुए उसे बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। चींटी सा छोटा जीवन खुद से भारी खुद का मन थकता ये फिर चलता ले आशा निष्ठा और लगन।। Dr.Anshul Saxena 

मिलावट (Milavat)

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  मिलावट (Milavat) शब्दों से शब्दों को जहां तोला जाता है, चोट दे फिर घाव को टटोला जाता है, खामोश रह वहां न करना हाल-ए-दिल बयां, मरहम में भी जहां जहर घोला जाता है।।

Khand (खंड)

 Khand (खंड) हमारे देश को आज़ादी मिले हुए तो कई वर्ष बीत गए लेकिन विचार अभी भी जंजीरों में जकड़े हुए हैं। क्या नेता क्या जनता?  जब तक धर्म और जात पात का कंकड़ आंखों में पड़ा रहेगा सामने सब कुछ किरकिरा ही नजर आएगा। आंख के बदले आंख में तो पूरा देश ही अंधा हो जाएगा। चल रहे हैं झुंड में, सिर उठा घमंड में। विचार है जंजीर में सोच मुट्ठी बंद में।। धर्मार्थ में या स्वार्थ में, जात में  हर बात में बांटते और काटते देश खंड खंड में।। मुश्किल से आजाद हुए, बंटवारे उसके बाद हुये, कब तक रहोगे जंग में? कब चलोगे संग में? बांटते और काटते, देश खंड खंड में।।

क़ाश (Kaash)

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 क़ाश   हर इंसान की अपने जीवन में कोई ना कोई ख़्वाहिश होती है कोई ना कोई सपना होता है या कुछ पाने की आरज़ू होती है। वो सपने ख्वाहिशें या आरज़ू- कुछ पूरी होती है और कुछ हमेशा के लिए अधूरी रह जाती हैं। मुट्ठी भर लोग ही शायद ऐसे होंगे जिन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें जीवन में सब कुछ मिला है और उनका कोई सपना अधूरा नहीं रहा। हम में से ज्यादातर लोग जीवन की भागा दौड़ी में आगे बढ़ते रहते हैं और अक्सर पीछे छूट जाते हैं हमारे कुछ अधूरे सपने कुछ अधूरी ख्वाहिशें कुछ अधूरी आरज़ू और साथ में रह जाता है काश। कभी-कभी सही समय पर सही निर्णय ना लेना या निर्णय लेने के बाद भी यह सोचते रहना कि वह सही था या नहीं?🤔 काश यह किया होता तो ऐसा होता काश वह किया होता तो ऐसा होता। अक्सर इस तरह के कुछ विचार जीवन में इंसान को दो राहे पर खड़ा कर देते हैं और साथ में रह जाता है काश। कभी-कभी इंसान जीवन में सबसे अनमोल चीजों की कद्र करना भूल जाता है जो हैं वक्त और अपने रिश्ते। जब दोनों हाथ से निकल जाते हैं तब रह जाता है सिर्फ़ काश। प्रस्तुत है चार पंक्तियां काश कभी ज़ुबाँ तो कभी दिल में एक राज़ रहता है, छोटी-छोटी ख्वाहिश क

आत्महत्या (Atm-hatya)

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       आत्महत्या     नमस्कार!🙏 आज की है पोस्ट उन सभी बच्चों और युवाओं के लिए है जो अपने अनमोल जीवन के महत्व को नहीं समझते। जो छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाते हैं टूट जाते हैं। जिन्होंने जीवन में अभी संघर्ष आरंभ भी नहीं किया होता वो इतनी जल्दी हार जाते हैं अपना जीवन समाप्त करने की चेष्टा करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि जीवन ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल तोहफा है जिसे हमें सहेज कर रखना चाहिए। हमारा जीवन एक बार इस संसार में आने के बाद सिर्फ हमारा नहीं होता। हमारा जीवन हम सब से जुड़े हुए व्यक्तियों से जुड़ा हुआ होता है। आपके जीवन का महत्व आप के साथ साथ आप से जुड़े व्यक्तियों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। संसार में भले ही हर व्यक्ति अकेले आता है और अकेले जाता है लेकिन समाज में हम सभी एक दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं। हम सभी के लिए इन रिश्तों का बंधन हमारे जीवन का आधार बन जाता है। तो उस जीवन पर केवल अपना अधिकार समझते हुए आजकल के बच्चे और युवा अपने हाथों से उसे समाप्त करने की चेष्टा क्यों करते हैं? आज आप सभी से मेरा अनुरोध है कि अपने जीवन के महत्व को समझिए। अपने जीवन में अपने अपनों