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Showing posts from August, 2022

साथ (Saath)

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 साथ (Saath)   मुश्किलें आई है तो हल  निकलेंगे, जो कल भी निकले थे फिर कल निकलेंगे, रुक गए थे कदम जो मंजिल की राह में, साथ होंगे आप तो फिर चल निकलेंगे।।

बिकाऊ रिश्ते (Bikau Rishte)

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 बिकाऊ रिश्ते   आज का ज़माना पहले से कुछ अलग है। महंगाई के इस दौर में हर चीज महंगी बिकती है। इस सूची में रिश्ते भी शामिल हैं। जितना महंगा रिश्ता उतनी मेहमान नवाज़ी।  पहले ज़माने में सुविधाएं भले ही कम थी लेकिन रिश्तों में ठहराव और गहराई होती थी। मिलना जुलना औपचारिक नहीं होता था। त्योहारों में खोखला पन नहीं था। पहले सामने झगड़े होते थे लेकिन मनमुटाव क्षणिक होता था। दिलों की मिठास कम नहीं होती थी। अब दिलों की खटास दिखावे की चाशनी में परोसी जाती है। कह सकते हैं कि  दिल में अब नमी नहीं है  पर दिखावे में कमी नहीं है। जिसको यह बात अभी तक समझ ना आई हो तो नासमझ होना ही बेहतर है। नासमझी ही बेहतर है ना होना समझदार  समझ गए तो समझोगे रिश्तों का व्यापार आज के समय में महाकवि तुलसीदास जी का कथन हमेशा याद रखना चाहिए आवत ही हरषै नहीं नैनन नहीं सनेह।  तुलसी तहां न जाइये कंचन बरसे मेह। जिस समूह में शिरकत होने से वहां के लोग आपसे खुश नहीं होते और वहां लोगों की नजरों में आपके लिए प्रेम या स्नेह नहीं है, तो ऐसे स्थान या समूह में हमें कभी शिरकत नहीं करना चाहिए, भले ही वहां स...

हर घर तिरंगा ( Har Ghar Tiranga)

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  हर घर तिरंगा  ( Har Ghar Tiranga) आजादी का अमृत उत्सव, देश भक्ति में रंग बिरंगा, देश प्रेम का तिलक लगा सब, हर घर में लहराओ तिरंगा।। आतंक पनपने ना पाए, घर के भेदी घर को जाएं, आओ हम ऐसे मिल जाएं, ना फ़साद ना हो फिर दंगा। हर घर में लहराओ तिरंगा।। हर अतिथि का हो अभिनंदन, हर धर्म का करते हम वंदन, इस देश की माटी जैसे चंदन, देश प्रेम पावन ज्यों गंगा। हर घर में लहराओ तिरंगा।।

सफ़र (Safar)

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 सफ़र (Safar) सफ़र का अर्थ ही होता है चलते जाना और जिंदगी भी चलने का नाम है।  कभी-कभी पास की मंजिल भी दूर लगती है और कभी-कभी दूर दूर तक भी मंज़िल नहीं दिखती है। ये ऐसा सफ़र है जिसमें आपको मंज़िल का भले ही ना पता हो लेकिन आपके क़दम चलते रहने चाहिए चाहे वह कितने भी थक क्यों ना जाएं। आसाँ नहीं ये जिंदगी मुश्किल ये सफ़र है, दिखती नहीं मंज़िल कहीं चलना तो मग़र है, हर सांस में इक आस है और आस में मेरी दुआ, ऐ ख़ुदा सुन ले ज़रा सुनता तू अगर है।।