सफ़र (Safar)
सफ़र (Safar)
सफ़र का अर्थ ही होता है चलते जाना और जिंदगी भी चलने का नाम है।
कभी-कभी पास की मंजिल भी दूर लगती है और कभी-कभी दूर दूर तक भी मंज़िल नहीं दिखती है। ये ऐसा सफ़र है जिसमें आपको मंज़िल का भले ही ना पता हो लेकिन आपके क़दम चलते रहने चाहिए चाहे वह कितने भी थक क्यों ना जाएं।
आसाँ नहीं ये जिंदगी मुश्किल ये सफ़र है,
दिखती नहीं मंज़िल कहीं चलना तो मग़र है,
हर सांस में इक आस है और आस में मेरी दुआ,
ऐ ख़ुदा सुन ले ज़रा सुनता तू अगर है।।
हर सांस में इक आस है और आस में मेरी दुआ,
ऐ ख़ुदा सुन ले ज़रा सुनता तू अगर है।।
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