बेटियाँ (Betiyan)
बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं।
अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं
बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं।
कभी गर्भ में ही
एक बेटी को मार देते हो।
कभी आफताब बन
36 टुकड़ों में काट देते हो।
जन्म दे एक जान को
हर दर्द सहती हैं।
अपनों की खातिर
खुद अपनी ही जान देती हैं।
अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं
बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं।
कभी शादी में बिक जाते हो
कभी उन पर रौब जमाते हो।
जो सबको पीछे छोड़
बस तुमसे ही जुड़ जाती हैं।
तुम उस पर हाथ उठाते हो
वो जीते जी मर जाती हैं।
किस्मत वालों की ही बेटियाँ होती हैं
जिसकी नियत ही खोटि हो
उसकी किस्मत कहाँ होती है।
अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं
बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं।
Dr.Anshul Saxena
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