Hindi Kavita Saath (हिंदी कविता साथ)

साथ 

कठिनाइयां भी हों सरल
हार हो जाए विफल
मझधार में कश्ती खड़ी
आगे भी जाएगी निकल
तुम हाथ तो दो।।

बीत जाएंगे ये पल
फिर नहीं मिलेंगे कल
हौसला फिर हो सबल
आशा का खिल जाए कमल
तुम साथ तो दो।।


By- Dr.Anshul Saxena 


Hindi Kavita Saath by Dr.Anshul Saxena


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