Posts

Showing posts from November, 2017

Featured Post

बेटियाँ (Betiyan)

Image
  बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी गर्भ में ही एक बेटी को मार देते हो। कभी आफताब बन 36 टुकड़ों में काट देते हो। जन्म दे एक जान को हर दर्द सहती हैं। अपनों की खातिर खुद अपनी ही जान देती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी शादी में बिक जाते हो कभी उन पर रौब जमाते हो। जो सबको पीछे छोड़ बस तुमसे ही जुड़ जाती हैं। तुम उस पर हाथ उठाते हो वो जीते जी मर जाती हैं। किस्मत वालों की ही बेटियाँ होती हैं जिसकी नियत ही खोटि हो उसकी किस्मत कहाँ होती है। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। Dr.Anshul Saxena  Hindi Kavita- Betiyan

रिश्तों के पत्ते (Rishton ke Patte)

Image
रिश्तों के पत्ते   वक्त की शाखाओं पे, रिश्तों के कुछ पत्ते,  जिंदगी करते बयां, शाखों से जब झड़ते,  कुछ सुनहरे सुर्ख तो, कुछ मायूस सूखे से,  कुछ बड़े अनमोल थे तो कुछ बड़े सस्ते।  जब थे हरे मुस्काते थे,  तूफां भी सह जाते थे,  हो गए कमजोर अब, गिरते ये सोचते,  जाएगी जिस रुख़ भी हवा, जाएंगे उस रस्ते।  जो कभी कोमल सा था, अब था कड़क एहसास,  गिरना तो लाज़मी ही था; जब भी हुआ टकराव,  जल जाए ढेर में या, दब जाएं पांव से,  सब बिखरे अलग-थलग, कौन किसके वास्ते।  कुछ लिए तीखी कसक, कुछ लिए धीमी सिसक,  चाहा अगर फिर भी मगर, शाख ना पाए पकड़,  गिरते नहीं झड़ते नहीं, यूं न मुरझाते,  मिलती जो बारिश उन्स की, कुछ और टिक जाते॥ -- Dr.Anshul Saxena