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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

रिश्ते (Rishte)

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  नमस्कार! आज साल का आखिरी दिन है और इस दिन मैं आप सभी के साथ एक छोटी सी लेकिन गहरी बात करना चाहती हूं। हमारे जीवन में हर रिश्ता एक मोती की तरह होता है और सारे मोती मिलाकर एक माला बनती है। यदि रिश्तो की माला में से एक मोती भी इधर उधर होता है तो पूरी माला बिखर जाती है। कभी-कभी लोग इन्हीं रिश्तो को अपनी सहूलियत से जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल करते हैं। जिंदगी में रिश्ते बहुत अहमियत रखते हैं। रिश्ते बनाना बहुत आसान है लेकिन उन्हें निभाना थोड़ा कठिन। रिश्ते अक्सर बड़ी बातों पर नहीं परंतु छोटी-छोटी बातों से बिखर जाते हैं। याद रखिए यदि आप किसी के जीवन में अहमियत रखते हैं तो उस व्यक्ति की भी आपके जीवन में उतनी ही अहमियत होती है। जीवन बहुत छोटा है इसमें छोटी-छोटी बातों को दिल से लगाने की जगह नहीं होनी चाहिए।  शिकवे शिकायतों की बोझ को दिल से निकाल फेंकिये और नव वर्ष में नई शुरुआत कीजिए। आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं🙏😊 एक दूजे की थाह लिए, दिल में मिलने की चाह लिए, फिर भी वो रिश्ते बिखर गए, जो छोटी बात पर ठहर गए।। रिश्तों को अग़र निभाना है, समझो भी ग़र समझाना है, सब समझ बात ये अग़र गए,

चलो चाय पर मिलते हैं

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      चलो कभी चाय पर मिलते हैं चलो कभी चाय पर मिलते हैं...☕जब कोई ऐसा कहता है तो वह केवल चाय नहीं पीना चाहता बल्कि आपके साथ वक्त बिताना चाहता है.. कुछ कहना चाहता है कुछ सुनना चाहता है। हमारे देश में चाय पर मिलना केवल चाय पीने का ही नहीं बल्कि मिलने का भी बहाना होता है। चाय पर मिलना यानी कि किसी से रूबरू हो अपने दिल की तमाम अनकही बातें  कहना भी होता है। चाय पीते पीते दो लोग न जाने कितनी बातें साझा कर जाते हैं। चाय की चुस्कियों के साथ न जाने कितनी योजनाएं बनती हैं कितनी बातें बनती हैं कितने दिल जुड़ते हैं और कितने रिश्ते बनते हैं । तो फिर चलिए कभी चाय पर मिलते हैं।🤩☕ कड़वाहट पत्ती सी छनती है, रिश्ते चीनी से घुलते हैं, जब कोई दिल से कहता है, चलो चाय पर मिलते हैं।। कभी कड़वी यादें बिसराते, कभी दूरी दिल की सिलते हैं, जब कोई दिल से कहता है,  चलो चाय पर मिलते हैं।। कभी कुछ कहते कभी सुनते हैं, बातों में बातें बुनते हैं, जब कोई दिल से कहता है, चलो चाय पर मिलते हैं।।

सफ़र - उम्र का

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 सफ़र - उम्र का नमस्कार🙏  परिवर्तन तो संसार का नियम है और बदलते वक्त के साथ उम्र में आया परिवर्तन भी उस ही नियम का हिस्सा है। लेकिन हममें से अधिकांश लोग अधिकतर वक्त के साथ आए उम्र के परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। चाहे वह परिवर्तन खुद का हो या अपनों का हो। परंतु वक्त ही वक्त के साथ हमें इस परिवर्तन के लिए सहज होना सिखा देता है। यही सहजता परिवर्तन की गरिमा को बढ़ा देती है और जारी रहता है सफर -उम्र का। इस सफर की श्रंखला अगली कविता तक जारी रहेगी। वक्त की स्याही में जब, उम्र यह घुल जाएगी, कुछ तजुर्बों की लकीरें, चेहरे पे भी ले आएगी। दिन तो कब का ढल चुका यह शाम भी ढल जाएगी चांद यौवन का ढलेगा चांदनी रह जाएगी।।

श्रद्धांजलि- सीडीएस बिपिन रावत

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 श्रद्धांजलि- सीडीएस बिपिन रावत मान यान का ध्वस्त हुआ, देश का सूरज अस्त हुआ, नितदिन जो तेज दमकता था, किसी और लोक ही निकल गया। हम कृतज्ञ करबद्ध खड़े हैं, शब्द भी मौन निशब्द पड़े हैं, दुश्मन भी जिस को छू ना सका, उसे काल चक्र ही निगल गया। संपूर्ण जगत का जल मानो, नैन नीर में बदल गया, हिमखंड सा वीर सपूत देश का, मां की गोद में पिघल गया। By- Dr.Anshul Saxena 

Dard - E - Dil ( दर्द ए दिल)

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  Dard - E - Dil ( दर्द ए दिल) ज़िंदगी जब मर्ज़ बन जाए तो कोई क्या करे? जीना भी अगर फ़र्ज़ बन जाए तो कोई क्या करे? कहते हैं हर मर्ज़ की दवा होती है, दवा ही अगर दर्द बन जाए तो कोई क्या करे।।

तालिबानी सोच (Talibani Soch)

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       तालिबानी सोच  नमस्कार! इस दुनिया में हो रहे तालिबानी खेल को तो हम सभी देख रहे हैं लेकिन आश्चर्य और अफसोस उन लोगों के लिए होता है जो कहने को तो हिंदुस्तानी है मगर सोच से तालिबानी है। मेरी पूरी कविता "तालिबानी सोच"को सुनने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को जरूर देखें। जय हिंद जय भारत🙏   लानत है उन गद्दारों पे, जो प्यार करें हथियारों से, जो पीठ में चाकू घोंपते हैं, बदतर हैं वो हत्यारों से।। कहते इस देश में डरते हैं, आज़ादी-आज़ादी करते हैं, असली आज़ादी का मतलब, ज़रा पूछो उन अफ़गानों से।। मुमकिन है जान बचा लें वो, आतंकी खूनी मंजर से, कैसे यह मुल्क़ बचाओगे? कुछ उन झूठे मक्कारों से।। जो कहने को हिंदुस्तानी हैं, पर सोच से तालिबानी हैं, हल ढूंढो कल ग़र बचना है इनके आतंकी वारों से।।            Dr.Anshul Saxena 

Lafz aur zazbaat

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लफ्ज़ और जज़्बात लफ्ज़ लबों पर रहते हैं, जज़्बात दिलों से बहते हैं, तुम क्या ढूंढोगे लफ्ज़ों में, जज़्बात जो दिल के कहते हैं।।

स्वामी विवेकानंद : सुविचार (Swami Vivekananda Suvichaar)

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  भारतीय संस्कृति व दर्शन को जन जन तक पहुंचाने वाले सनातन अध्यात्म चेतना के प्रतीक, प्रकाण्ड विद्वान, युवाओं के प्रेरणास्रोत, युगपुरुष स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन🙏 आइए स्वामी जी के कुछ अनमोल सुविचारों पर प्रकाश डालते हैं। "एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। " "सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।" "उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।।" "हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।" ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है। "जब तक जीना है, तब तक सीखना है, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है"

सावन (Saawan)

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                           सावन   भीगी सी रुत में वो सावन बरसना। मतवाली हो फिर धरा का महकना।। तृप्ति दे तपती धरा की तपन को, वो ठंडी पवन और मेघों का गरजना।। वो बारिश की बूंदों का मिट्टी पर पड़ना , वह सोंधी सी खुशबू का हौले से उड़ना, कोयल और मैना का खिल के चहकना, पत्तों के झुरमुट में उड़ के सिमटना, भीगी सी रुत में वो सावन बरसना। मतवाली हो फिर धरा का महकना।। वो सतरंगी रंगों का नभ में निखरना, अनुपम छटा का धरा पर बिखरना, काली घटा का घुमड़ कर बरसना, तृप्ति ले बिसरा दे चातक तरसना।। भीगी सी रुत में वो सावन बरसना। मतवाली हो फिर धरा का महकना।। वो नन्हे से बीजों में कोपल का फटना, वह बूंदों से जल में तरंगों का उठना, वो प्रेमी के दिल में उमंगें उभरना, मनमोहक मयूरा को भाये थिरकना।। भीगी सी रुत में वो सावन बरसना। मतवाली हो फिर धरा का महकना।।

मन की आवाज़ (Man Ki Awaaz)

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            मन की आवाज़ आप लोगों ने यह बखूबी सुना होगा कि  सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग। यह रोग तो कोरोना के रोग से भी बड़ा है। सही ग़लत छोड़कर लोगों की परवाह कई बार आपको आगे बढ़ने से रोकती रहती है। आखिर यह परवाह कितनी उचित है? उतनी ही जब तक आप अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन सकें। आपकी अंतरात्मा कभी आपसे झूठ नहीं बोलती। सामाजिक दबाव में इतना मत आइये कि आप सही गलत का अंतर भूल जाएं। दोस्तों बाहर बहुत शोर है कभी इत्मीनान से बैठिए और खुद से बातें कीजिए। सही ग़लत की सारी परतें खुद-ब-खुद  खुल जाएंगी।🙏 इतना तो उजाला रखो तुम, कि अपनी परछाई दिखाई दे। बस उतना ही सुनना लोगों की, कि अपनी आवाज़ सुनाई दे।।

कोरोना स्वाहा (Corona Swaha)

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 कोरोना स्वाहा (Corona Swaha) तैर हवा में आता तू, कौन सा बैर निभाता तू, अत्याचारी दे बीमारी, तू ले आया संकट भारी। दानव सा रूप बदलता तू, चुपके से जीवन छलता तू, तू खेल रहा है भावों से, और जीत रहा है हर पारी। माना घनघोर अंधेरा है, हर रात के बाद सवेरा है, तू अभिमानी कर मनमानी, भेष बदलता विषधारी।। हम सावधान है तैयारी, ईश्वर से हर शक्ति हारी, तेरी हार की कर ली अज्ञारी, स्वाहा तू अब तेरी बारी।। Dr.Anshul Saxena 

कारोबार (Karobaar)

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       कारोबार (Karobaar) बीते हुए वक्त से क्यों प्यार करती है, मासूमियत को छीन समझदार करती है, मुनाफ़े में देती दिल का सुकून मुझे, मेरी जिंदगी यादों का कारोबार करती है।। कभी रूठती मुझसे तो कभी प्यार करती है, ख्वाहिशों में खुशियों की दरक़ार करती है, कभी देती नक़द तो कभी उधार करती है, मेरी जिंदगी यादों का कारोबार करती है।। सो जाऊं मैं फिर भी जतन हज़ार करती है, ख्वाब में दस्तक यह बार-बार करती है, नींद ले फिर ख़्वाब दे सौदा करे ऐसा, मेरी ज़िंदगी यादों का कारोबार करती है।। Dr.Anshul Saxena 

कोरोना ने सरेआम कर दिया (Corona ne Sareaam kar Diya)

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      कोरोना ने सरेआम कर दिया जो गले मिलने से क़तराते थे, दिलों में थी दूरी पर हाथ मिलाते थे, उस दूरी को बस खुलेआम कर दिया। कोरोना ने सब सरेआम कर दिया।। वो अब भी नज़र मिलाते नहीं हैं, दिल की गिरह को मिटाते नहीं हैं, वक़्त दें जब वक़्त है पर.. वक़्त नहीं है खामखाँ क्यों काम को बदनाम कर दिया। कोरोना ने सब सरेआम कर दिया।। दर्द में भी दर्द को क्यों बांटते हैं लोग, सब जल रहा फिर राख को क्यों छाँटते हैं लोग, लालच की चिंगारी क्यों बुझती नहीं है इंसान ने इंसान को शैतान कर दिया कोरोना ने सब सरेआम कर दिया।। गली कूचे कस्बों को वीरान कर दिया, ये कोरोना ने कैसा क़त्ले-आम कर दिया।। Dr. Anshul Saxena  Corona Ne Sareaam Kar Diya

हमारी माधुरी ( Humari Madhuri )

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 हमारी माधुरी  मधु से मधुर हैं माधुरी🍯         बस धीरे से मुस्कायें😍 नृत्य कला बेजोड़ है इनकी💃🏽 भाव भंगिमा भायें।।👌 देवी गौरी चंद्रमुखी,👸 मोहिनी सी अदाएं,🧚‍♀️ भोली सी सूरत , आंखों में मस्ती, दूर खड़ी शर्माएं। आय हाये🙆‍♀️ कोई प्रेम प्रतिज्ञा ले बैठा, कोई देवदास बन जाएं, क्या राम लखन क्या थानेदार, कोई आपको भूल ना पाएं।। दिल है दिल तो पागल है,💗 वो कैसे यह बतलायें? राजा साजन राजकुमार, आपसे पूछना चाहे, कि हम आपके हैं कौन? अब कौन उन्हें समझाए।। धक धक धड़के कितने दिल,💓 धड़कन काबू ना कर पाए, टूटे दिल की धड़कन को,💔 श्री राम ही पार लगाये।।👨‍⚕️ आजा नचले जब आप कहें, तब पैर थिरकते जाएं,💃🏽 ना आप सा कोई अब तक था, कोई आप सा ना बन पाए।।🙏 जब भारत छोड़कर आप गयीं, बस चाहा लौट के आ जाएं सूना था फिल्म जगत ऐसे बिन लौ के दीपक हो जाए।।🔥 मुद्दत से एक तमन्ना है कभी आप से हम भी मिल पाएं, बड़े बड़े हैं फैन मगर, कभी हम भी नज़र में आएं।।🙏

अभी बाक़ी है (Abhi baaki hai)

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                  अभी बाक़ी है ज़िंदगी जीने का सबब अभी बाक़ी है, ज़िंदगी में ज़िंदगी का सबक अभी बाक़ी है, आसाँ तराशना मिट्टी के जिस्म को, रूह तराशिये वो चमक अभी बाक़ी है। ABHI BAAKI HAI जैसा कि हम सभी जानते हैं कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने हमारे देश को हिला कर रख दिया। जीवन के इस उतार-चढ़ाव ने बहुत कुछ सिखाया है लेकिन अब भी बहुत कुछ सीखना बाक़ी है।  दूसरों से आगे निकलने की होड़, दूसरों की सरीक़त करना अब रोकना होगा। इस सरीक़त को रोकना अभी बाक़ी है। जो भगवान ने दिया है उतने में ही खुश रहना सीखना अभी बाक़़ी है। क़हर बरपाते कोरोना ने जो सबक दिया है उस सबक को सीखना अभी बाक़ी है। छोटी सी ज़िंदगी बार-बार नहीं मिलती। शिकवे शिकायत छोड़ें  ज़िंदगी जीना अभी बाक़ी है ।

कोरोना हो जाने पर क्या करें? What to do if you are corona positive?

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 कोरोना हो जाने पर क्या करें?  जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर बहुत ही आक्रामक और संक्रामक है और यह बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। इस बार पूरे के पूरे परिवार एक साथ संक्रमित हो रहे हैं। मेरा भी पूरा परिवार को रोना से संक्रमित हुआ। कोरोनावायरस हो जाने पर क्या करें? सबसे पहले तो आपको उचित चिकित्सक से परामर्श लेकर अपनी चिकित्सा शुरू करा देनी चाहिए । दवाओं की अतिरिक्त भी बहुत कुछ है जो इस वायरस के विरुद्ध लड़ने में आपकी सहायता कर सकता है । इस वायरस से लड़ने में आपकी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के अलावा यदि कोई शक्ति आपकी मदद करती है तो वह है आपकी आत्मशक्ति। सकारात्मक रहें: अपने मन में एक सकारात्मकता रखें। सोचें कि आप जल्दी ही स्वस्थ हो जाएंगे। आपका पूरा परिवार जल्दी स्वस्थ हो जाएगा। यदि आप अपना आत्मविश्वास बनाए रखते हैं तो विश्वास कीजिए आप की आत्मशक्ति दुगनी हो जाती है और यही आपको इस वायरस के विरुद्ध लड़ने की क्षमता दुगनी करती है। घबराए नहीं। क्या खायें  इस संक्रमण में आप हेल्थी डाइट लेते रहें। अपने भोजन में पोषक तत्वों को प्रचुर मात्रा में रखें। रेशेदार फल

कोरोना डर जाएगा (Corona Dar Jayega)

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        कोरोना डर जाएगा मल्टीविटामिन कैल्शियम, चूसो सब लिम सी, डालो सैशे दूध में, घोल विटामिन डी, घोल विटामिन डी, साथ प्रोटीन भी खाओ, कोरोना से बचने के, नुस्खे अपनाओ। गरम मसाले नाक में, काढ़े की गर्मी आँत में, मई जून की गर्मी फ़ेल, मुंह को डालो भाप में। मुंह को डालो भाप में। पंखा मत खोलो कोरोना से बचना है तो यह सब झेलो। पानी पी लो खूब, मगर वो गरम ही रखना, दही आइसक्रीम दूर से देखो, मना है चखना। बाबा नीम हकीम कहे तू तर जाएगा। इतनी गर्मी झेल, कोरोना डर जाएगा। Dr. Anshul Saxena/expressions

सकारात्मक रहें (Be Positive)

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 सकारात्मक रहें (Be Positive) यह तो हम सभी जानते हैं कि बुजदिल लोग पीछे से वार करते हैं और बहादुर सामने से प्रहार करते हैं। कोरोनावायरस भी कुछ ऐसा ही कायरों की तरह बुजदिलों की तरह सब को चुपके से अपना शिकार बना रहा है। यदि आप या आपके अपने इसका शिकार बने हैं तो घबराइएगा मत। आप भले ही कोरोना Positive हों लेकिन अपनी सोच को सकारात्मक रखिए। हम सब इसको मिलकर हरा सकते हैं यदि हम अपने अंदर की आत्मशक्ति को मजबूत रखें और सकारात्मक रहें। BE POSITIVE to be corona negative. Let's spread positivity.

सवाल ज़िन्दगी से (sawal zindagi se)

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   सवाल ज़िन्दगी से छोटी सी ख्वाइशें पीछे छूटने लगी, तुझको लगा गले अब ये पूछने लगी, तुझमें ही तो सपनों ने दम भरा था, तुझमें ही तो अपनो ने रंग भरा था, ऐ जिंदगी बता तू क्यों रूठने लगी?

अपने (Apne)

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Apne भले ही तेरे नहीं किसी और शहर में रहते हैं, कभी तेरे दिल दिमाग तो कभी नज़र में रहते हैं, कहां ढूंढता फिरता है तू अपनों को बावले, जिधर तू रहता है तेरे अपने.. उधर रहते हैं।।  

Disabled or Abled?

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  You call them disabled who are specially abled to keep their heart pure for everyone by ignoring your inability to see their ability. Dr. Anshul Saxena 

Autism Awareness Day

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 Today is World Autism Awareness Day.  God has blessed us with beautiful life. Let's make somebody's life better by understanding and accepting their differences.

ज्वाला शक्ति (Jwala Shakti)

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               ज्वाला शक्ति  आज का दिन एक विशेष दिन है। आज का दिन उस नारी शक्ति को सम्मान देने का दिन है जो हर दिन सम्मान की अधिकारी है।   आज का दिन ऐसे लोगों की सोच बदलने का दिन है जो नारी को अबला समझते हैं। लेकिन यही नारी जब कन्या के रूप में जन्म लेती है तो घर आंगन को खुशियों से भर देती है। जब पत्नी बनकर किसी के जीवन में जाती है तो एक मकान को घर बना देती है। मां बनकर किसी को जन्म देती है और जीवनदायिनी बन जाती है।   वह पुरुष क्या जो नारी का सम्मान ना करें। जो नारी स्वयं से पहले अपनों को रखती है।अपनी इच्छाओं को अपने दायित्वों के लिए त्याग देती है। लोग जीवन भर उसके कर्तव्यों को गिनाना नहीं भूलते। उसके अधिकारों और सम्मान का हनन करने वाली अपने पतन से भी नहीं डरते। आज की नारी ने पुरुषों से कंधे से कंधा मिला लिया है। क्या पुरुष भी नारी से कंधे से कंधा मिला पाएंगे? ईश्वर की ऐसी अद्भुत कृति को पूरे सम्मान के साथ हम सभी को शुभकामनाएं देना चाहिए🙏 समस्त नारियों और पुरुषों को जिनके जीवन में नारियों की अहम भूमिका है नारी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 😊🙏 कुछ पंक्तियां नारी शक्ति को समर्पित:- ठगी

हौसला (Housla)

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 नमस्कार!  जीवन का दूसरा नाम एक संघर्ष है  जीवन में  सब कुछ  आसानी से नहीं मिलता। अक्सर  सफलता  संघर्ष के साथ ही आती है। यह पंक्तियां उन लोगों के लिए है जो जीवन में अनेकों चुनौतियों का सामना करते हैं और अनेकों प्रयास करने के बाद भी जिन्हें सफलता नहीं मिलती। जिस तरह आग में जलने के बाद सोना निखरता है उसी तरह से जो व्यक्ति में निरंतर संघर्ष करते रहने से हार नहीं मानता उसे सफलता का मीठा फल जरूर मिलता है। इसलिए बिना हार माने हर व्यक्ति को हौसला रखना चाहिए क्योंकि किसी ने सही कहा है मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत । हौसला (Housla) जागी हैं ये आंखें  अभी सोई नहीं है, देखे थे जो सपने  यहां वो अब भी पलते हैं। शोलों पे चलने से  वो नहीं डरते, आग की लपटों में जो  हर रोज़ जलते हैं।।

एक बाल ( Ek Baal ) Part- 2

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 एक बाल (Ek Baal ) Part - 2 अब तक आपने पढ़ा शलभ शर्मा सरकारी नौकरी में कार्यरत एक बहुत ही होनहार परंतु अंतर्मुखी स्वभाव का व्यक्ति था। उम्र से पहले ही झड़ते बालों से हुये गंजेपन के कारण किसी न किसी रूप में कई बार उसके मन को आहत होना पड़ा । कैसे और कब ये जानने के लिये पढ़ें।  एक बाल (भाग एक ) अब आगे पढ़ें सुधा के घर वाले शलभ के जवाब का इंतज़ार कर रहे थे क्योंकि सुधा ने विवाह के लिए हाँ कर दी थी। इस बात ने शलभ को हैरान कर दिया और उसने सुधा से एक बार और बात करने का मन बनाया। शलभ सुधा से मिला और उसने पूछा, " क्या तुम एक ऐसे इंसान को अपना जीवनसाथी बनाना चाहोगी जिसके सिर पर बाल ना हों?" इस पर सुधा ने कहा, " जीवन साथी वह है जो जीवन भर साथ निभाए। यदि किसी के बाद में बाल चले जाएं तब क्या साथ छोड़ दिया जाएगा?" इस बात पर शलभ को यह एहसास हुआ की सुधा अन्य लड़कियों से कितनी अलग थी और शायद वह उसके जीवन में एक अलग रंग भर देगी। अंततः सुधा और शलभ का विवाह हो गया। विवाह के दौरान ही शलभ ने किसी रिश्तेदार को कहते हुए सुना लड़का तो अच्छा है लेकिन अगर उसके सिर पर बाल होते तो कुछ और ही

एक बाल (Ek Baal) Part - 1

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 एक बाल ( Ek Baal ) Part-1 यह कहानी सरकारी पद पर कार्यरत शलभ शर्मा की है जो शुरू से ही होनहार और अंतर्मुखी स्वभाव का व्यक्ति था। दिनभर के काम से थके मांदे लौटे शलभ ने सोने से पहले अपनी अलमारी में से एक किताब निकाली और उसे लेकर आराम कुर्सी पर बैठ गया। किताब खोलते ही वह अपने अतीत के पन्ने कब पलटता चला गया उसे पता ही नहीं चला।  मानो कल की ही बात थी जब उसके विवाह का विज्ञापन अख़बार में निकाला गया था। पहले दो बार में कोई उपयुक्त वधु ना मिल पाने के कारण यह तीसरी बार था जब शलभ के विवाह के लिए विज्ञापन निकाला गया था।  शलभ अपने विवाह के प्रस्तावों को देख देख कर खींझ चुका था। अच्छी नौकरी और अच्छी पढ़ाई होने के बावजूद लड़कियां उससे मिलते ही उसे अस्वीकार कर देती थीं। वजह सिर्फ एक थी - शलभ का गंजापन। शलभ के बाल उम्र से पहले ही झड़ने लगे थे। जब वह पढ़ाई कर रहा था तब से ही वह आधा गंजा हो चुका था। तब से ही शलभ लोगों के तानों और मज़ाक का शिकार बनता चला आ रहा था। हद तो तब हो गई जब उसके किसी पड़ोसी ने यह कहकर चिढ़ाया, "अंकल कब तक विज्ञापन देते रहोगे? अब शादी का विचार छोड़ दो।" अभी शलभ 30 वर्ष

Ishq ki kashmkash ( इश्क़ की कश्मक़श)

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  क़श्मक़श इश्क़ की उसे समझाना क्या, जो बिन कहे सुन ले उसे बताना क्या,  जज़्बात की ज़ुबाँ तो लफ़्ज़ों से परे है, जो महसूस ना करे उसे जताना क्या।। Dr.Anshul Saxena 

Saajish

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  Saajish ए दिल ज़रा संभल इन्हें थाम के तू रख, धड़कनों की ख्वाहिशें सुनाया नहीं करते इनका तो काम है छुप-छुपके करेंगी आंखों की साज़िशें  बताया नहीं करते।।

गुज़रा ज़माना (Guzra Zamana)

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  गुज़रा ज़माना (Guzra Zamana) कहां गया वो गुज़रा जमाना, वो हंसना हंसाना खुशियां मनाना, अक्सर बनाकर फिर नया बहाना वो मिलना मिलाना बेवजह मुस्कुराना।।  दूर के रिश्तों को अपना बताना, शादी के घर में वो मजमे लगाना, मदद में जुट जाना फिर भी ना जताना, एक थाली में खाना और गप्पें लड़ाना।।  सिमटने लगे अब रिश्तों के दामन, फ्लैट बन गए घरों के वो आंगन, ऊंची दुकान पर फीके पकवान, झूठी तस्वीरों में नकली मुस्कान।।  तब झगड़े थे झूठे मुस्कानें सच्ची थीं , ए सी नहीं था पर गर्मियां अच्छी थीं, हम मिट्टी में खेले कपड़े भले थे मैले, मिल बांट के झेले थे सारे झमेले।।  समय के चक्कर ने हम सब को घेरा, लगता नहीं अब मेहमानों का डेरा, रख लो छुपा के यादों का ख़ज़ाना। आता नहीं जाकर गुज़रा ज़माना।। Dr. Anshul Saxena 

भाषा और बेटी (Bhasha Aur Beti)

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  जिस देश में जन्मी बड़ी हुई, कोने में छुप के खड़ी हुई, स्थान तलाशे वो अपना, कागज़ में सिमटी पड़ी हुई।। अपनों की पीढ़ी ठगती गई, ग़ैरों की भाषा बढ़ती गई, शिक्षा के जगत में पिछड़ गई, अपनों से जैसे बिछड़ गई।। तुम ठुकराओगे तो कौन अपनाएगा? लगातार तिरस्कार कब रुक पाएगा? भाषा और बेटी गर्व हैं सम्मान हैं, देश का ये गौरव देश का ये मान हैं, सत्य चुभेगा कड़वा लगेगा, अपने ही घर में ये पराई समान हैं।। Dr.Anshul Saxena