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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

श्रद्धांजलि- सीडीएस बिपिन रावत

 श्रद्धांजलि- सीडीएस बिपिन रावत


हिंदी कविता श्रद्धांजलि सीडीएस बिपिन रावत


मान यान का ध्वस्त हुआ,
देश का सूरज अस्त हुआ,
नितदिन जो तेज दमकता था,
किसी और लोक ही निकल गया।

हम कृतज्ञ करबद्ध खड़े हैं,
शब्द भी मौन निशब्द पड़े हैं,
दुश्मन भी जिस को छू ना सका,
उसे काल चक्र ही निगल गया।

संपूर्ण जगत का जल मानो,
नैन नीर में बदल गया,
हिमखंड सा वीर सपूत देश का,
मां की गोद में पिघल गया।

By- Dr.Anshul Saxena 

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