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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

रिश्ते (Rishte)

 

नमस्कार!
आज साल का आखिरी दिन है और इस दिन मैं आप सभी के साथ एक छोटी सी लेकिन गहरी बात करना चाहती हूं। हमारे जीवन में हर रिश्ता एक मोती की तरह होता है और सारे मोती मिलाकर एक माला बनती है। यदि रिश्तो की माला में से एक मोती भी इधर उधर होता है तो पूरी माला बिखर जाती है।

कभी-कभी लोग इन्हीं रिश्तो को अपनी सहूलियत से जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल करते हैं। जिंदगी में रिश्ते बहुत अहमियत रखते हैं। रिश्ते बनाना बहुत आसान है लेकिन उन्हें निभाना थोड़ा कठिन। रिश्ते अक्सर बड़ी बातों पर नहीं परंतु छोटी-छोटी बातों से बिखर जाते हैं।
याद रखिए यदि आप किसी के जीवन में अहमियत रखते हैं तो उस व्यक्ति की भी आपके जीवन में उतनी ही अहमियत होती है। जीवन बहुत छोटा है इसमें छोटी-छोटी बातों को दिल से लगाने की जगह नहीं होनी चाहिए। 

शिकवे शिकायतों की बोझ को दिल से निकाल फेंकिये और नव वर्ष में नई शुरुआत कीजिए।
आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं🙏😊

एक दूजे की थाह लिए,
दिल में मिलने की चाह लिए,
फिर भी वो रिश्ते बिखर गए,
जो छोटी बात पर ठहर गए।।

रिश्तों को अग़र निभाना है,
समझो भी ग़र समझाना है,
सब समझ बात ये अग़र गए,
तब समझो रिश्ते सँवर गए।।

Hindi poem Rishte हिंदी कविता रिश्ते


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