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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

रिश्ते (Rishte)

 

नमस्कार!
आज साल का आखिरी दिन है और इस दिन मैं आप सभी के साथ एक छोटी सी लेकिन गहरी बात करना चाहती हूं। हमारे जीवन में हर रिश्ता एक मोती की तरह होता है और सारे मोती मिलाकर एक माला बनती है। यदि रिश्तो की माला में से एक मोती भी इधर उधर होता है तो पूरी माला बिखर जाती है।

कभी-कभी लोग इन्हीं रिश्तो को अपनी सहूलियत से जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल करते हैं। जिंदगी में रिश्ते बहुत अहमियत रखते हैं। रिश्ते बनाना बहुत आसान है लेकिन उन्हें निभाना थोड़ा कठिन। रिश्ते अक्सर बड़ी बातों पर नहीं परंतु छोटी-छोटी बातों से बिखर जाते हैं।
याद रखिए यदि आप किसी के जीवन में अहमियत रखते हैं तो उस व्यक्ति की भी आपके जीवन में उतनी ही अहमियत होती है। जीवन बहुत छोटा है इसमें छोटी-छोटी बातों को दिल से लगाने की जगह नहीं होनी चाहिए। 

शिकवे शिकायतों की बोझ को दिल से निकाल फेंकिये और नव वर्ष में नई शुरुआत कीजिए।
आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं🙏😊

एक दूजे की थाह लिए,
दिल में मिलने की चाह लिए,
फिर भी वो रिश्ते बिखर गए,
जो छोटी बात पर ठहर गए।।

रिश्तों को अग़र निभाना है,
समझो भी ग़र समझाना है,
सब समझ बात ये अग़र गए,
तब समझो रिश्ते सँवर गए।।

Hindi poem Rishte हिंदी कविता रिश्ते


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