सुकून (Sukoon)

                          सुकून


सुकून एक वह अनमोल खजाना है जो किसी को मिल जाए तो उसके आगे चांदी सोना रुपये पैसे का भी कोई मोल नहीं क्योंकि सुकून को पा सकते हैं खो सकते हैं लेकिन खरीद नहीं सकते।

कितनों का यही दर्द

कितनों का यही ग़म।

ढूंढे जिसे ज़माना

मिलता है ज़रा कम।

हंसना यहीं रोना यहीं,

पाना यहीं खोना यहीं,

ना चांदी जहाँ सोना नहीं।

दिल का सुकून होना वहीं।।

आज उम्र के इस पड़ाव पर हम सभी की जिंदगी चक्की की तरह चलती है। जहां हमें सुकून ढूंढना पड़ता है और जब यह मिलता है तब वह किसी खजाने से कम नहीं लगता।

एक ज़माना था जब यह हमेशा ही हमारे पास रहता था।

जब दिल में उमंग थी

कुछ पाना जुनून था

बचपन के थे वो दिन

जब दिल का सुकून था।

अंत में मैं बस यही कहना चाहूंगी



Comments

Popular Posts

हर घर तिरंगा ( Har Ghar Tiranga)

गृहणी (Grahani)

बेटियाँ (Betiyan)

होली है (Holi Hai)

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

तानाशाही (Tanashahi)

सलीक़ा और तरीक़ा (Saleeka aur Tareeka)

अभिलाषा: एक बेटी की

सम्मान- रिश्तों का(Samman Rishton Ka)