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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

दामाद

दामाद दामाद भी तो एक बेटा ही होता है। इस घर का नहीं तो उस घर का होता है। दामाद भी तो एक बेटा ही होता है।। किसी की अमानत को धरोहर बना, दिल में बिठा के ऐसे संजोता है, कि वह हंसती है तो हंसता है, वह रोती है तो रोता है।। दामाद भी तो एक बेटा ही होता है।। अपने नाम का सिन्दूर मांग में सजा किसी के मान को सम्मान देता है। किसी की बेटी को पत्नी बना, एक अधिकार एक परिवार देता है, दामाद भी तो एक बेटा ही होता है।। आशा की सीपी में वादों के मोती, जीवन की माला में रच के पिरोता है, प्रेम से निष्ठा से कर्तव्य बोध रख सभी के हृदय में स्थान लेता है।। दामाद भी तो एक बेटा ही होता है।। दामाद भी तो एक बेटा ही होता है।। Dr.Anshul Saxena 

समय (Samay)

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     समय (Samay) समय का रोना रोने वालों यदि समय से कर लो काम फिर समय समय ही होगा होगा काम के संग आराम। समय नहीं है कहने वालों ना करो इसे बदनाम समय सभी को मिले बराबर उपयोग तुम्हारा काम। समय का मोल जो समझे  समझो उस के बनते काम जो करता इसकी अनदेखी  उसके बिगड़े बनते काम। समय से सबको दो समय समय पर आओ काम  समय सभी का समय से आता  सबके दाता राम। समय का बनता लेखा-जोखा अच्छे बुरे को सबने देखा सही करो जब सही समय तब समय पर होता नाम। लक्ष्यभेद का लक्ष्य बनाकर हर लक्ष्य को दो अंजाम जीवन भर की भागादौड़ी अंत में मिले विराम।। By Dr.Anshul Saxena

ऐ ज़िंदगी तेरी उम्र बहुत छोटी है

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ऐ ज़िंदगी तेरी उम्र बहुत छोटी है तू कभी हंसती है  तो कभी रोती है ए ज़िंदगी तेरी उम्र बहुत छोटी है। भुला दो सारे शिकवे गिले जो अपने हो उन्हें लगा लो गले जी भर के जी लो आज अभी क्या पता कल मिले ना मिले कल की ना दे ख़बर सपने मग़र बोती है ऐ ज़िंदगी तेरी उम्र बड़ी छोटी है।। किसी से रूठे हो तो उसे मना लो दिल में हो प्यार तो उसे जता दो क्या लिया क्या दिया ये हिसाब छोड़कर जो हो तुम्हारे पास बेहिसाब लुटा दो कर लो अगर क़दर तो आंसू भी मोती है ऐ ज़िंदगी तेरी उम्र बहुत छोटी है।। Dr.Anshul Saxena

खाली हाथ

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चैन ओ सुकूँ को छोड़कर फ़ुर्सत की चाह में, रिश्तों का गला घोंट कर दौलत की राह में, जेबें तिजोरी भर रहे वो जानते नहीं, जाना तो ख़ाली हाथ है उसकी पनाह में।। Dr.Anshul Saxena 

ऐ ज़िंदगी (E Zindgi)

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      E Zindgi ऐ ज़िदगी ऐसे ना सताया कर जिन आंखों में हो सपने वहां थोड़ा ठहर जाया कर छोटा तेरा सफ़र औदा बड़ा मगर तेरी अहमियत जीते जी बताया कर।। मायूसी उदासी दरक़़िनार कर, कभी बेवजह भी मुस्कुराया कर, कभी चेहरे पे चेहरा लगाया कर, एहतियात बरत सौदागरों से, राज़- ए-दिल सब को ना बताया कर।। Dr. Anshul Saxena

जल है तो कल है

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जल है तो कल है नमस्कार पाठकों! आज पूरा देश जल के संकट से जूझ रहा है।ऐसी दशा में मैंने कुछ पंक्तियां जल के संदर्भ में लिखी हैं। जल है तो कल है -इन पंक्तियों के द्वारा मैं लोगों तक यह महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाना चाहती हूँ। जल है तो कल है वर्षा की फ़ुहार है जल से, धरती की बहार है जल से, जल जीवन-आधार हमारा, जल बिन सूना ये जग सारा।। एक बूंद चातक को जैसे, प्यासे को जल अमृत वैसे, जल को व्यर्थ ना कभी बहाना, लो संकल्प है इसे बचाना।। Dr.Anshul Saxena 

सुनहरा बचपन

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                                                 सुनहरा बचपन  शायद आप लोगों में से कुछ लोगों का बचपन भी ऐसे ही बीता हो।तो चलिए ताज़ा कर लेते हैं कुछ यादें सुनहरा बचपन की बत्ती के जाने पर महफ़िल लगाना पंखे को झलना गप्पें लड़ाना🌞 बर्फ के गोले की चुस्की और कुल्फी 🍡 लूडो और शतरंज की बाजी लगाना🎲⚄ शाम को छतों पर पानी छिड़काना🚿🌊 रंग बिरंगी पतंगें उड़ाना🔶️🔷️ चोर सिपाही या छुप्पन छुपाई कभी गुड्डे और गुड़ियों की शादी कराना 🤴👸 दरी पर गद्दे और चादर बिछाना तारों से तारों में चेहरे बनाना🌟 ठंडा सा तकिया और प्यारी सी नींद🛌 चांदनी रात में मौसम सुहाना🌛 लोगों का लोगों से मिलना मिलाना अपनों या गैरों से रिश्ते निभाना बीत गया बचपन ज़ारी है अब भी उन सुनहरी यादों का ताता लगाना।🙇‍♀️ By: Dr.Anshul Saxena

साईं गान (Sai Gaan)

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                साईं गान साईं साईं नाम पुकारो, श्रद्धा रखो ना हिम्मत हारो। याद करो तो साईं मिलेंगे, फरियाद करो झोली भर देंगे। कृपासिंधु जग पालनकर्ता, दयामयी बंधु दुखहर्ता। प्रेम का जग को पाठ पढ़ाया ऊंच-नीच का भेद मिटाया।   श्रद्धा सबूरी साईं सार, साईं की लीला अपरम्पार। साईं आशा का आधार, साईं करते कृपा अपार।।   शरण तिहारी आए आज, साईं लगा दो बेड़ा पार। जिस हृदय साईं का नाम, साईं बनाते बिगड़े काम।   अनगिनत साईं गुणगान, सब मिल गाओ साईं गान। शीश झुका करूं कोटि प्रणाम हृदय से बोलो ऊँ साईं राम।। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 By:-Dr.Anshul Saxena  

ये उन दिनों की बात है

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ये उन दिनों की बात है, जब हम छोटे बच्चे थे, उम्र में थोड़े कच्चे थे, पर दिल के बेहद सच्चे थे।। ये उन दिनों की बात है रिश्तो में था अपनापन, सबका एक ही था आंगन, मिलजुल कर सब रहते थे, सुख-दुख सब मिल सहते थे।। ये उन दिनों की बात है अपनों के अपने सब थे, मां-बाबा में रब थे, परिवारों के मतलब थे, मिलना जुलना कम हो चाहे, दिल के बंधन पक्के थे।। ये उन दिनों की बात है... आज की बात जैसे दिन और रात जिससे मतलब उसका साथ पैसे के बिन सब है फीका माथा देखके होता टीका चलते नोट काम के रिश्ते बिना काम के खोटे सिक्के फोन में दोस्तों का मेला है फिर भी इंसान अकेला है भागदौड़ सब हो गए व्यस्त अपनों के लिए नहीं है वक्त सच्चा रंग पुराना है दिखावे का ज़माना है आज की बात निराली बात इसमें नहीं उन दोनों की बात। By: Dr. ANSHUL SAXENA 

होली की बोली (Holi ki Boli)

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Holi ki Boli होली बोले कितनी बोली, रंगो की पुड़िया जब रिश्तो में घोली, कहीं प्यार बड़े जब रंग चढ़े, कहीं भीगी भीगी हंसी ठिठोली। कहीं उमंग के ढोल कहीं मस्ती की टोली कहीं मिलन-उत्सव  कहीं आनंद भरी झोली गुजिया भी बोले ममता की बोली आसमां में सजती रंगो की रंगोली। चंदन की खुशबू में लिपटा गुलाल, कोई होता मतवाला तो कोई होता लाल, कोई किसी का हो गया कोई किसी की हो ली, कोई बुरा ना मानो ये होली है होली।। Dr.Anshul Saxena 

नारी ना हारी ( Naari Na Haari)

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जिसके बिना जन जीवन अधूरा, वो जीवन से पहले ही कब तक मरेगी? उस युग की सीता की अग्नि परीक्षा, इस युग की सीता ही कब तक करेगी? कन्या और देवी का करते हो पूजन, वह कन्या और देवी ही कब तक घुटेगी? साहसी विदुषी जब एकाकी असुरक्षित, नियमों के बंधन में कब तक बंटेगी? मर्यादा में रहकर मर्यादा उल्लंघन, अब तक सहा है कब तक सहेगी? निर्भीक असहाय द्रोपदी दामिनी, समाज की पीड़ा में कब तक रहेगी? सुंदर सुयोग्य गुणी सुकन्या, दहेज की अग्नि में कब तक जलेगी? पुरुष से कंधा मिलाकर चली है, अहम के कांटो पर कब तक चलेगी? पुरुष का वर्चस्व जिसने है जन्मा, थमी ना कभी,कभी ना थमेगी सम्मान की अधिकारी नारी ना हारी, आगे बढ़ी है आगे बढ़ेगी।। Dr.Anshul Saxena 

जगजननी नारी (Jag Janani Naari)

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जगजननी नारी  अंदर से मजबूत बड़ी है, ऊपर से कोमल लगती है। वीरों की जननी है जो, जिगरों का जिगरा रखती है। एक परिवार में जन्म ले ये दूजे का पालन करती है। डोली में जाती जिस घर, अर्थी में बाहर निकलती है। राखी और ममता इससे, खुशियों से आंगन भरती है। त्यौहार की रौनक इससे ही हर पर्व को पूरा करती है। सुंदर निर्मल भावुक ऐसी, नीर नयन में भरती है। पूजोगे तो दुर्गा ये, छेड़ा तो काली बनती है। दीपक की ज्योति इससे ही, इससे ही पूजा और हवन, जगजननी नारी शक्ति को, आभार भरा शत शत नमन।। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Dr.Anshul Saxena 

पानी पीने का उचित समय और सही तरीका || Pani peene ka uchit tareeka

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जल से ही जीवन जल हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। कोई भी व्यक्ति एक बार को खाने के बिना रह सकता है परंतु जल के बिना जीवन असंभव है। जिस तरह पृथ्वी का ज्यादातर हिस्सा जल है। ठीक उसी तरह हमारे शरीर का आधे से ज्यादा हिस्सा यानी कि 70% भाग जल से निर्मित होता है। शरीर के हर अंग जल से ही निर्मित होते हैं। चाहे रक्त कोशिकाएं हों, किडनी हों, अथवा हड्डियां ही क्यों ना हो सभी अंगों में जल की कुछ ना कुछ मात्रा उपस्थित रहती है। हमारे शरीर से पानी किसी ना किसी रूप में चाहे वह पसीना  हो,मल मूत्र अथवा सांस छोड़ने में भाप द्वारा निष्कासित होता रहता है। ऐसे हमारे शरीर को रक्त का संचार व्यवस्थित रखने के लिए पाचन क्रिया सुचारू रूप से चलाने के लिए एवं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जल की बहुत आवश्यकता रहती है। एक सामान्य व्यक्ति को दिन भर में लगभग 2 से 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए लेकिन वे लोग जिनकी दिनचर्या में शारीरिक श्रम की अधिकता रहती है जैसे व्यायाम या दौड़ना य खेलना कूदना जिन की दिनचर्या में शामिल हों उन लोगों को सामान्यतः थोड़े अधिक प

खांसी दूर करने के अचूक उपाय / Home remedies to get rid of Cough

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खांसी ज्यादातर खांसी बदलते मौसम के समय अथवा जाड़ों में हो जाती है। सूखी खांसी हो तो गले का दर्द बहुत परेशान करता है और यदि कफ वाली खांसी हो तो सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। कभी-कभी तो रात को सोते समय लगातार खांसी उठने से सोने में भी काफी तकलीफ होती है।वैसे तो कफ सिरप लेने से खासी में बहुत आराम मिलता है लेकिन कफ सिरप के कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट होते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं होता। इसलिए बड़े बुजुर्ग और वैद्य लोगों का कहना है कि खांसी जुकाम हो जाने पर अंग्रेजी दवाइयां ना लेकर घरेलू उपाय करना ही कारगर सिद्ध होता है। आज यहां आपको बेहद आसान और आजमाएं हुए घरेलू नुस्खे जानने को मिलेंगे जो खांसी दूर करने के लिए रामबाण सिद्ध होंगे। यह ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनको आजमाने से ना केवल बच्चे बल्कि बड़ों को भी खांसी होने पर बेहद आराम मिलेगा। 1. खांसी दूर करने के लिए सबसे पहले एक सरल उपाय है कि आप एक कप गर्म पानी उबाल लें और उसमें दो चुटकी नमक मिला दे और वह पानी गुनगुना हो जाने पर उस पानी से गरारे करें इससे गले में अटका हुआ का दूर होता है यदि आप उस नमक के पानी को थोड़ा-थोड़ा

हिन्दी (Hindi Bhasha)

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हिन्दी (Hindi Bhasha) हिंदी मेरी मातृभाषा, हिंदुत्व का सम्मान, अपनाएंगे जब मिल सारे रख पाएंगे इसका मान।। भाषा में आभूषण हिंदी, जैसे भारत माँ की बिंदी, हिंदी है अभिमान देश का, हिंदी से ही देश का मान।। बन प्रहरी यह प्रण लो सारे, हिंदी झुके ना हिंदी हारे, हिंदी से ही देश की रक्षा, हिंदी सुरक्षा कवच समान, आन बान देश की शान, हिंदी है तो हिंदुस्तान।। By:-Dr.Anshul Saxena

धर्म-कर्म

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