होली की बोली (Holi ki Boli)
कहीं प्यार बड़े
जब रंग चढ़े,
कहीं भीगी भीगी
हंसी ठिठोली।
कहीं उमंग के ढोल
कहीं मस्ती की टोली
कहीं मिलन-उत्सव
कहीं आनंद भरी झोली
गुजिया भी बोले
ममता की बोली
आसमां में सजती
रंगो की रंगोली।
चंदन की खुशबू में
लिपटा गुलाल,
कोई होता मतवाला
तो कोई होता लाल,
कोई किसी का हो गया
कोई किसी की हो ली,
कोई बुरा ना मानो
ये होली है होली।।
Dr.Anshul Saxena
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