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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

चलो चाय पर मिलते हैं

      चलो कभी चाय पर मिलते हैं

चलो कभी चाय पर मिलते हैं...☕जब कोई ऐसा कहता है तो वह केवल चाय नहीं पीना चाहता बल्कि आपके साथ वक्त बिताना चाहता है.. कुछ कहना चाहता है कुछ सुनना चाहता है।

हमारे देश में चाय पर मिलना केवल चाय पीने का ही नहीं बल्कि मिलने का भी बहाना होता है। चाय पर मिलना यानी कि किसी से रूबरू हो अपने दिल की तमाम अनकही बातें  कहना भी होता है। चाय पीते पीते दो लोग न जाने कितनी बातें साझा कर जाते हैं। चाय की चुस्कियों के साथ न जाने कितनी योजनाएं बनती हैं कितनी बातें बनती हैं कितने दिल जुड़ते हैं और कितने रिश्ते बनते हैं । तो फिर चलिए कभी चाय पर मिलते हैं।🤩☕

कड़वाहट पत्ती सी छनती है,

रिश्ते चीनी से घुलते हैं,

जब कोई दिल से कहता है,

चलो चाय पर मिलते हैं।।

कभी कड़वी यादें बिसराते,

कभी दूरी दिल की सिलते हैं,

जब कोई दिल से कहता है,

 चलो चाय पर मिलते हैं।।

कभी कुछ कहते कभी सुनते हैं,

बातों में बातें बुनते हैं,

जब कोई दिल से कहता है,

चलो चाय पर मिलते हैं।।



चलो कभी चाय पर मिलते हैं Hindi Quote about tea time


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