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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

ज्वाला शक्ति (Jwala Shakti)

               ज्वाला शक्ति 

आज का दिन एक विशेष दिन है। आज का दिन उस नारी शक्ति को सम्मान देने का दिन है जो हर दिन सम्मान की अधिकारी है।

 
आज का दिन ऐसे लोगों की सोच बदलने का दिन है जो नारी को अबला समझते हैं। लेकिन यही नारी जब कन्या के रूप में जन्म लेती है तो घर आंगन को खुशियों से भर देती है। जब पत्नी बनकर किसी के जीवन में जाती है तो एक मकान को घर बना देती है। मां बनकर किसी को जन्म देती है और जीवनदायिनी बन जाती है।

 
वह पुरुष क्या जो नारी का सम्मान ना करें। जो नारी स्वयं से पहले अपनों को रखती है।अपनी इच्छाओं को अपने दायित्वों के लिए त्याग देती है। लोग जीवन भर उसके कर्तव्यों को गिनाना नहीं भूलते। उसके अधिकारों और सम्मान का हनन करने वाली अपने पतन से भी नहीं डरते।
आज की नारी ने पुरुषों से कंधे से कंधा मिला लिया है। क्या पुरुष भी नारी से कंधे से कंधा मिला पाएंगे?


ईश्वर की ऐसी अद्भुत कृति को पूरे सम्मान के साथ हम सभी को शुभकामनाएं देना चाहिए🙏


समस्त नारियों और पुरुषों को जिनके जीवन में नारियों की अहम भूमिका है नारी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 😊🙏

कुछ पंक्तियां नारी शक्ति को समर्पित:-

ठगी गयी जो सदा सदा से 
अपने ही अधिकारों से,
छली गई जो बने हितेषी 
कुछ झूठे मक्कारों से,
दबी हुई थी चिंगारी 
ज्वाला शक्ति बन अब नारी,
निखर के तप के दहक रही
रोकोगे क्या अंगारों से।।


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