सवाल ज़िन्दगी से (sawal zindagi se)

 

 सवाल ज़िन्दगी से

छोटी सी ख्वाइशें पीछे छूटने लगी,

तुझको लगा गले अब ये पूछने लगी,

तुझमें ही तो सपनों ने दम भरा था,

तुझमें ही तो अपनो ने रंग भरा था,

ऐ जिंदगी बता तू क्यों रूठने लगी?

expressionshub.co.in



Comments

Popular Posts

हर घर तिरंगा ( Har Ghar Tiranga)

गृहणी (Grahani)

बेटियाँ (Betiyan)

होली है (Holi Hai)

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

तानाशाही (Tanashahi)

सलीक़ा और तरीक़ा (Saleeka aur Tareeka)

अभिलाषा: एक बेटी की

सम्मान- रिश्तों का(Samman Rishton Ka)

सुकून (Sukoon)