अपने (Apne)
Apne
भले ही तेरे नहीं किसी और शहर में रहते हैं,
कभी तेरे दिल दिमाग तो कभी नज़र में रहते हैं,
कहां ढूंढता फिरता है तू अपनों को बावले,
जिधर तू रहता है तेरे अपने.. उधर रहते हैं।।
कभी तेरे दिल दिमाग तो कभी नज़र में रहते हैं,
कहां ढूंढता फिरता है तू अपनों को बावले,
जिधर तू रहता है तेरे अपने.. उधर रहते हैं।।
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