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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

कोरोना डर जाएगा (Corona Dar Jayega)

        कोरोना डर जाएगा

https://www.expressionshub.co.in/2021/05/corona-dar-jayega.html


मल्टीविटामिन कैल्शियम,
चूसो सब लिम सी,
डालो सैशे दूध में,
घोल विटामिन डी,
घोल विटामिन डी,
साथ प्रोटीन भी खाओ,
कोरोना से बचने के,
नुस्खे अपनाओ।

गरम मसाले नाक में,
काढ़े की गर्मी आँत में,
मई जून की गर्मी फ़ेल,
मुंह को डालो भाप में।
मुंह को डालो भाप में।
पंखा मत खोलो
कोरोना से बचना है
तो यह सब झेलो।

पानी पी लो खूब,
मगर वो गरम ही रखना,
दही आइसक्रीम दूर से देखो,
मना है चखना।

बाबा नीम हकीम कहे
तू तर जाएगा।
इतनी गर्मी झेल,
कोरोना डर जाएगा।

Dr. Anshul Saxena/expressions


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