कोरोना ने सरेआम कर दिया (Corona ne Sareaam kar Diya)
कोरोना ने सरेआम कर दिया
जो गले मिलने से क़तराते थे,
दिलों में थी दूरी पर हाथ मिलाते थे,
उस दूरी को बस खुलेआम कर दिया।
कोरोना ने सब सरेआम कर दिया।।
वो अब भी नज़र मिलाते नहीं हैं,
दिल की गिरह को मिटाते नहीं हैं,
वक़्त दें जब वक़्त है पर.. वक़्त नहीं है
खामखाँ क्यों काम को बदनाम कर दिया।
कोरोना ने सब सरेआम कर दिया।।
दर्द में भी दर्द को क्यों बांटते हैं लोग,
सब जल रहा फिर राख को क्यों छाँटते हैं लोग,
लालच की चिंगारी क्यों बुझती नहीं है
इंसान ने इंसान को शैतान कर दिया
कोरोना ने सब सरेआम कर दिया।।
गली कूचे कस्बों को वीरान कर दिया,
ये कोरोना ने कैसा क़त्ले-आम कर दिया।।
Dr. Anshul Saxena
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