Featured Post

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

Image
 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

Autism Awareness Day

 Today is World Autism Awareness Day.

 God has blessed us with beautiful life. Let's make somebody's life better by understanding and accepting their differences.

Autism Awareness Day

Comments

Popular posts from this blog

अभिलाषा: एक बेटी की

गृहणी (Grahani)

सुनहरा बचपन

उम्र और सोच- एक कहानी (Umra Aur Soch- Ek Kahani)

आजकल हर शख़्स व्यस्त है?

अनोखे नौजवान (Anokhe Naujawan)

ऐ ज़िंदगी तेरी उम्र बहुत छोटी है

सच्चा गुरु (Sachcha Guru)

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

तानाशाही (Tanashahi)