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Dard - E - Dil ( दर्द ए दिल)
Dard - E - Dil ( दर्द ए दिल)
ज़िंदगी जब मर्ज़ बन जाए तो कोई क्या करे? जीना भी अगर फ़र्ज़ बन जाए तो कोई क्या करे? कहते हैं हर मर्ज़ की दवा होती है, दवा ही अगर दर्द बन जाए तो कोई क्या करे।।
गृहणी (Grahani) समाज में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली एक ऐसी स्त्री जो शिक्षित भी है, काबिल भी है, जिसके अपने सपने भी हैं लेकिन उन सब से ऊपर उसके अपने भी हैं। जो अपना घर सजाने और बच्चों को बनाने में अपने सपने और अपनी ख्वाहिशों का हंसते-हंसते बलिदान दे देती है और फिर भी उसके बारे में बहुत कुछ अनकहा रह जाता है। मेरा एक छोटा सा प्रयास है उस स्त्री के बारे में कुछ कहने का जिसका पूरा घर ऋणी होता है और जिसे गृहणी कहते हैं। कभी तंगी में कभी मंदी में कभी बंधन में पाबंदी में कभी घर गृहस्थी के धंधे में कभी कर्तव्यों के फंदे में, ख्वाहिश उसकी झूल गई। अपनों की परवाह करने में, वह खुद खुद को ही भूल गई। दूर पास के रिश्ते में महंगा राशन हो सस्ते में बच्चों और उनके बस्ते में दिन भर वो उलझी रहती है खाली रहती हो, क्या करती हो? ताने सुनती रहती है। तानों के ताने-बाने में घर अपना स्वर्ग बनाने में जीवन अपना ही भूल गयी। अपनों की परवाह करने में, वह खुद खुद को ही भूल गई। दिन दिन भर वो काम करे, सोचे वो कब आराम करे?🤔 छुट्टी नहीं पगार नहीं, उसका कोई इतवार नहीं। पुरुषों से ज...
एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena
बेटियाँ बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी गर्भ में ही एक बेटी को मार देते हो। कभी आफताब बन 36 टुकड़ों में काट देते हो। जन्म दे एक जान को हर दर्द सहती हैं। अपनों की खातिर खुद अपनी ही जान देती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी शादी में बिक जाते हो कभी उन पर रौब जमाते हो। जो सबको पीछे छोड़ बस तुमसे ही जुड़ जाती हैं। तुम उस पर हाथ उठाते हो वो जीते जी मर जाती हैं। किस्मत वालों की ही बेटियाँ होती हैं जिसकी नियत ही खोटि हो उसकी किस्मत कहाँ होती है। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। Dr.Anshul Saxena Hindi Kavita- Betiyan
हर किसी से बात करने का सलीक़ा और तरीक़ा अलग अलग होता है। कुछ लोग आपके बिना कहे ही सब कुछ सुन लेते हैं और कुछ लोग आपके बार बार कहने पर भी आपकी बात को सुनना नहीं चाहते। आपकी तहज़ीब और अदब को लोग अपनी मनमानी करने के लिए ग्रीन सिगनल की तरह लेते हैं। ऐसे में आपको अपने कहने का तरीका और सलीका दोनों ही बदलने पड़ते हैं। तुम्हें बस कितना कहूंगी कि तुम जो भी कहते हो तहज़ीब में रहते हो सुनने वाले बड़ा ग़ौर से सुनते हैं खामोशी तोड़ो तहज़ीब छोड़ो बहरे ज़रा ज़ोर से सुनते हैं।
नौकर ये सरकार के या नौकरी सरकारी। गैर कानूनी काम करें कानून के अधिकारी। सरेआम धमकियां देते हैं बन बैठे तानाशाही। न्याय मांगने वालों पर अन्याय हो रहा भारी।।
हो ली है! हमारे त्यौहार हमारी संस्कृति की धरोहर हैं। ये हमारे जीवन को हर्ष उल्लास और उमंग से भर देते हैं। उसी प्रकार होली का त्यौहार हमारे जीवन में खुशियों के रंग भर देता है। कान्हा राधा होली में डाले रंग गुलाल चढ़ा प्रेम का रंग जो राधा हो गईं लाल अलग-अलग रंगों की तरह हमारे आसपास भी रंग-बिरंगे लोग होते हैं। किसी के ऊपर काम का रंग होता है। कोई अपनी धुन में मगन होता है तो कोई रंगीन मिजाज़ होता है। किसी के ऊपर प्यार का रंग चढ़ता है तो कोई पल-पल रंग बदलता है। रंगों के त्यौहार पर, भर दिल में प्यार के रंग। दूरी सारी भूलकर, हो एक दूजे के संग। रंग से ना डर उससे डर, जो बदले पल पल रंग। रंगों के इस त्यौहार को फ़ीका ना पड़ने दें। एक दूसरे पर खुलकर रंग लगाइए चाहे वह आपके प्यार का हो स्नेह का हो, गुलाल हो या फूलों का रंग हो। आप सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 🙏💐 By: Dr.Anshul Saxena
सुकून सुकून एक वह अनमोल खजाना है जो किसी को मिल जाए तो उसके आगे चांदी सोना रुपये पैसे का भी कोई मोल नहीं क्योंकि सुकून को पा सकते हैं खो सकते हैं लेकिन खरीद नहीं सकते। कितनों का यही दर्द कितनों का यही ग़म। ढूंढे जिसे ज़माना मिलता है ज़रा कम। हंसना यहीं रोना यहीं, पाना यहीं खोना यहीं, ना चांदी जहाँ सोना नहीं। दिल का सुकून होना वहीं।। आज उम्र के इस पड़ाव पर हम सभी की जिंदगी चक्की की तरह चलती है। जहां हमें सुकून ढूंढना पड़ता है और जब यह मिलता है तब वह किसी खजाने से कम नहीं लगता। एक ज़माना था जब यह हमेशा ही हमारे पास रहता था। जब दिल में उमंग थी कुछ पाना जुनून था बचपन के थे वो दिन जब दिल का सुकून था। अंत में मैं बस यही कहना चाहूंगी
नव वर्ष शुभकामनाएं खट्टी मीठी याद लिए, बीते साल की शाम ढली। नव उमंग नव तरंग लिए, नए साल की कली खिली। नई कली जीवन महकाए, हर जीवन में मंगल लाए।। नव वर्ष की शुभकामनाएं💐🙏
हर घर तिरंगा ( Har Ghar Tiranga) आजादी का अमृत उत्सव, देश भक्ति में रंग बिरंगा, देश प्रेम का तिलक लगा सब, हर घर में लहराओ तिरंगा।। आतंक पनपने ना पाए, घर के भेदी घर को जाएं, आओ हम ऐसे मिल जाएं, ना फ़साद ना हो फिर दंगा। हर घर में लहराओ तिरंगा।। हर अतिथि का हो अभिनंदन, हर धर्म का करते हम वंदन, इस देश की माटी जैसे चंदन, देश प्रेम पावन ज्यों गंगा। हर घर में लहराओ तिरंगा।।
नारी एक नारी की शक्ति का आंकलन करना किसी के बस की बात नहीं है। एक असीम शक्ति का नाम है नारी। जो हर चुनौती हर संघर्ष को हंस के पार करती हैं। बेटियां अक्सर बेटा बन जाती है लेकिन बेटे बेटियां नहीं बन पाते। अपने घर को बसाने के लिए वह जन्म से मिली अपनी पहचान को हंसते-हंसते त्याग देती है। अपने सपने अपनों के लिए हंसी खुशी न्योछावर कर देती है। अपनी हर भूमिका असाधारण रूप में निभाने वाली नारी को कोई चुनौती नहीं रोक सकती। तुम मान दो तो मान में सम्मान देती है। जन्म क्या पहचान क्या वो जान देती है। ना भूल कर यह भूलना उसे आंकते हो तो छोटी बड़ी हर बात पर उसे जांचते हो तो रिश्ते कभी बंधन में उसे बांटते हो तो जीतेगी वो हर हाल में जब ठान लेती है।।
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