Dard - E - Dil ( दर्द ए दिल)

 Dard - E - Dil ( दर्द ए दिल)

Hindi Shayari Dard - E - Dil ( दर्द ए दिल)


ज़िंदगी जब मर्ज़ बन जाए तो
कोई क्या करे?
जीना भी अगर फ़र्ज़ बन जाए
तो कोई क्या करे?
कहते हैं हर मर्ज़ की दवा होती है,
दवा ही अगर दर्द बन जाए तो
कोई क्या करे।।



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