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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

कारोबार (Karobaar)

       कारोबार (Karobaar)

कारोबार (Karobaar)Hindi Quote about life by Dr.Anshul Saxena@expressionshub


बीते हुए वक्त से क्यों प्यार करती है,


मासूमियत को छीन समझदार करती है,


मुनाफ़े में देती दिल का सुकून मुझे,


मेरी जिंदगी यादों का कारोबार करती है।।


कभी रूठती मुझसे तो कभी प्यार करती है,


ख्वाहिशों में खुशियों की दरक़ार करती है,


कभी देती नक़द तो कभी उधार करती है,


मेरी जिंदगी यादों का कारोबार करती है।।


सो जाऊं मैं फिर भी जतन हज़ार करती है,


ख्वाब में दस्तक यह बार-बार करती है,


नींद ले फिर ख़्वाब दे सौदा करे ऐसा,


मेरी ज़िंदगी यादों का कारोबार करती है।।


Dr.Anshul Saxena 



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