मन की आवाज़ (Man Ki Awaaz)
मन की आवाज़
आप लोगों ने यह बखूबी सुना होगा कि सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग। यह रोग तो कोरोना के रोग से भी बड़ा है। सही ग़लत छोड़कर लोगों की परवाह कई बार आपको आगे बढ़ने से रोकती रहती है। आखिर यह परवाह कितनी उचित है? उतनी ही जब तक आप अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन सकें। आपकी अंतरात्मा कभी आपसे झूठ नहीं बोलती।
सामाजिक दबाव में इतना मत आइये कि आप सही गलत का अंतर भूल जाएं। दोस्तों बाहर बहुत शोर है कभी इत्मीनान से बैठिए और खुद से बातें कीजिए। सही ग़लत की सारी परतें खुद-ब-खुद खुल जाएंगी।🙏
इतना तो उजाला रखो तुम,
कि अपनी परछाई दिखाई दे।
बस उतना ही सुनना लोगों की,
कि अपनी आवाज़ सुनाई दे।।
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