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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

स्वामी विवेकानंद : सुविचार (Swami Vivekananda Suvichaar)

 भारतीय संस्कृति व दर्शन को जन जन तक पहुंचाने वाले सनातन अध्यात्म चेतना के प्रतीक, प्रकाण्ड विद्वान, युवाओं के प्रेरणास्रोत, युगपुरुष स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन🙏

आइए स्वामी जी के कुछ अनमोल सुविचारों पर प्रकाश डालते हैं।

"एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। "
"सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।"

"उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।।"

"हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।"

ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है। "जब तक जीना है, तब तक सीखना है, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है"


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