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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

क़ाश (Kaash)

 क़ाश

Hindi quote Kaash


 हर इंसान की अपने जीवन में कोई ना कोई ख़्वाहिश होती है कोई ना कोई सपना होता है या कुछ पाने की आरज़ू होती है। वो सपने ख्वाहिशें या आरज़ू- कुछ पूरी होती है और कुछ हमेशा के लिए अधूरी रह जाती हैं।

मुट्ठी भर लोग ही शायद ऐसे होंगे जिन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें जीवन में सब कुछ मिला है और उनका कोई सपना अधूरा नहीं रहा।

हम में से ज्यादातर लोग जीवन की भागा दौड़ी में आगे बढ़ते रहते हैं और अक्सर पीछे छूट जाते हैं हमारे कुछ अधूरे सपने कुछ अधूरी ख्वाहिशें कुछ अधूरी आरज़ू और साथ में रह जाता है काश।

कभी-कभी सही समय पर सही निर्णय ना लेना या निर्णय लेने के बाद भी यह सोचते रहना कि वह सही था या नहीं?🤔 काश यह किया होता तो ऐसा होता काश वह किया होता तो ऐसा होता।
अक्सर इस तरह के कुछ विचार जीवन में इंसान को दो राहे पर खड़ा कर देते हैं और साथ में रह जाता है काश।

कभी-कभी इंसान जीवन में सबसे अनमोल चीजों की कद्र करना भूल जाता है जो हैं वक्त और अपने रिश्ते। जब दोनों हाथ से निकल जाते हैं तब रह जाता है सिर्फ़ काश।
प्रस्तुत है चार पंक्तियां

काश


कभी ज़ुबाँ तो कभी दिल में एक राज़ रहता है,
छोटी-छोटी ख्वाहिश का मोहताज़ रहता है,
मुमकिन नहीं मुक़म्मल हर बात हो जाए
हर ज़िंदगी में एक अदद काश रहता है।।

By- Dr.Anshul Saxena 




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