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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

छोटा जीवन (Chchota Jeevan)

 जीवन  (Jeevan)

हम सभी का जीवन एक गति का पर्याय है अर्थात चलते रहने का नाम ही जीवन है। जीवन का सफर हमेशा आसान नहीं होता। ये अपने साथ तमाम उतार-चढ़ाव लेकर आता है। 

जीवन के उतार-चढ़ाव के कारण हो सकता है हमारी गति धीमी हो जाए लेकिन हमें चलते रहना होता है। जिस प्रकार एक चींटी कभी हार नहीं मानती और अपना भोजन जुटाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है उसी तरह हमें अपने जीवन से हार ना मानते हुए उसे बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।


चींटी सा छोटा जीवन
खुद से भारी खुद का मन
थकता ये फिर चलता ले
आशा निष्ठा और लगन।।

Dr.Anshul Saxena 

छोटा जीवन (Jeevan) a Hindi quote about small life



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