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नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

साईं गान (Sai Gaan)






Sai gaan Hindi poem @https://www.expressionshub.co.in

                साईं गान
























साईं साईं नाम पुकारो,
श्रद्धा रखो ना हिम्मत हारो।
याद करो तो साईं मिलेंगे,
फरियाद करो झोली भर देंगे।


कृपासिंधु जग पालनकर्ता,
दयामयी बंधु दुखहर्ता।
प्रेम का जग को पाठ पढ़ाया
ऊंच-नीच का भेद मिटाया।

 

श्रद्धा सबूरी साईं सार,
साईं की लीला अपरम्पार।
साईं आशा का आधार,
साईं करते कृपा अपार।।

 

शरण तिहारी आए आज,
साईं लगा दो बेड़ा पार।
जिस हृदय साईं का नाम,
साईं बनाते बिगड़े काम।

 

अनगिनत साईं गुणगान,
सब मिल गाओ साईं गान।
शीश झुका करूं कोटि प्रणाम
हृदय से बोलो ऊँ साईं राम।।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
By:-Dr.Anshul Saxena 

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