जीवन (Jivan)
जीवन कितनों को अपने मिले नहीं, कुछ सपने पूरे हुए नहीं। कुछ एक वक्त ही खाते हैं, कुछ बिन छत के सो जाते हैं। जो जीवन भर मायूस रहे, वे जीवन क्या जी पाते हैं। कुछ चंद बची कुछ सांसो में, जीवन क्या बतलाते हैं। भोर सुहानी आई है, 'तुम हो'यह संदेशा लाई है। ईश्वर का आभार करो, सपनों को साकार करो। आशा की सामर्थ्य भरो, जीवन को ना व्यर्थ करो। 🌻😊🙏🌻