एक सार/ Ek saar
जीवन का एक सार लिए, कुछ बातों का भार लिए,
हम कड़वाहट को पीते हैं,
और हंस के जीवन जीते हैं।।
कुछ लोग यह जान नहीं पाते,
क्या होते हैं रिश्ते नाते,
बेवजह की गुत्थमगुत्थी में,
वो हारे हैं या जीते हैं।।
क्या लाये क्या ले जाओगे,
जो बाँटोगे वो पाओगे,
कभी-कभी दिल को चुप कर,
हम होठों को सीते हैं।।
और हंस के जीवन जीते हैं।।
Dr. Anshul Saxena
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