Featured Post
माँ- जीवन दायिनी (Maa - Ek Jeevan Dayini)
- Get link
- Other Apps
माँ - एक जीवन दायिनी
एक स्त्री जब एक जन्म देती है तब दूसरा जन्म लेती है- जिसे ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना कहते हैं यानी कि एक माँ। स्त्री का यह दूसरा जन्म उसके अंदर एक अद्भुत परिवर्तन लाता है। एक साधारण स्त्री निश्चल भाव से ओतप्रोत हो जाती है.. निस्वार्थ स्नेह, वात्सल्य, प्रेम और त्याग की मूरत बन जाती है।
माँ के ऊपर तो दुनिया के समस्त काव्य ग्रंथ भी कम पड़ जाएंगे लेकिन फिर भी कुछ पंक्तियां एक मां का लिए🙏
माँ ही जीवन दायिनी,
स्नेह त्याग का रूप।
माँ से पूजा आरती,
माँ ही मंगल धूप।
माँ ही शीतल छांव है,
जीवन ये कड़कती धूप।
सब बदले संसार में,
माँ ना बदले रूप।
माँ केवल एक जीवनदायिनी नहीं है बल्कि भविष्य निर्माता भी है। एक माँ ही कच्ची मिट्टी के समान अपने बच्चों में गुण, संस्कार, शिक्षा और व्यवहार की नींव डालती है। एक बार अपने बच्चों को अच्छे से अच्छा जीवन देने के लिए ना केवल अपनी नींद बल्कि अपने सपने भी हंसते हंसते न्योछावर कर देती है। दुनिया के लिए माँ एक माँ होती है लेकिन बच्चों के लिए उनकी माँ ही दुनिया होती है।
माँ से शिक्षा,मिलते गुण,
संस्कार व्यवहार।
माँ से बनता मायका,
माँ से ही परिवार।
एक माँ जिन गुणों से आपको पोषित करती है उन्हें सदैव संचित करके रखिए जीवन भर काम आएंगे।
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment