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होली है (Holi Hai)

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        हो ली है! हमारे त्यौहार हमारी संस्कृति की धरोहर  हैं। ये हमारे जीवन को हर्ष उल्लास और उमंग से भर देते हैं। उसी प्रकार होली का त्यौहार हमारे जीवन में खुशियों के रंग भर देता है।  कान्हा राधा होली में   डाले रंग गुलाल  चढ़ा प्रेम का रंग जो  राधा हो गईं लाल अलग-अलग रंगों की तरह हमारे आसपास भी रंग-बिरंगे लोग होते हैं। किसी के ऊपर काम का रंग होता है। कोई अपनी धुन में मगन होता है तो कोई रंगीन मिजाज़ होता है। किसी के ऊपर प्यार का रंग चढ़ता है तो कोई पल-पल रंग बदलता है।  रंगों के त्यौहार पर, भर दिल में प्यार के रंग। दूरी सारी भूलकर, हो एक दूजे के संग। रंग से ना डर उससे डर, जो बदले पल पल रंग। रंगों के इस त्यौहार को फ़ीका ना पड़ने दें। एक दूसरे पर खुलकर रंग लगाइए चाहे वह आपके प्यार का हो स्नेह का हो, गुलाल हो या फूलों का रंग हो।  आप सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 🙏💐 By: Dr.Anshul Saxena 

सलीक़ा और तरीक़ा (Saleeka aur Tareeka)

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  हर किसी से बात करने का सलीक़ा और तरीक़ा अलग अलग होता है।  कुछ लोग आपके बिना कहे ही सब कुछ सुन लेते हैं और कुछ लोग आपके बार बार कहने पर भी आपकी बात को सुनना नहीं चाहते। आपकी तहज़ीब और अदब को लोग अपनी मनमानी करने के लिए ग्रीन सिगनल की तरह लेते हैं। ऐसे में आपको अपने कहने का तरीका और सलीका दोनों ही बदलने पड़ते हैं।  तुम्हें बस कितना कहूंगी कि तुम जो भी कहते हो तहज़ीब में रहते हो सुनने वाले बड़ा ग़ौर से सुनते हैं खामोशी तोड़ो तहज़ीब छोड़ो बहरे ज़रा ज़ोर से सुनते हैं। 

बेटियाँ (Betiyan)

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 बेटियाँ  बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी गर्भ में ही एक बेटी को मार देते हो। कभी आफताब बन 36 टुकड़ों में काट देते हो। जन्म दे एक जान को हर दर्द सहती हैं। अपनों की खातिर खुद अपनी ही जान देती हैं। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। कभी शादी में बिक जाते हो कभी उन पर रौब जमाते हो। जो सबको पीछे छोड़ बस तुमसे ही जुड़ जाती हैं। तुम उस पर हाथ उठाते हो वो जीते जी मर जाती हैं। किस्मत वालों की ही बेटियाँ होती हैं जिसकी नियत ही खोटि हो उसकी किस्मत कहाँ होती है। अनमोल सा मोती हैं बड़े भाग्य से होती हैं बेटियाँ सबके मुकद्दर में कहाँ होती हैं। Dr.Anshul Saxena  Hindi Kavita- Betiyan

नव वर्ष शुभकामनाएं (New Year Wishes)

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 नव वर्ष शुभकामनाएं खट्टी मीठी याद लिए, बीते साल की शाम ढली। नव उमंग नव तरंग लिए, नए साल की कली खिली। नई कली जीवन महकाए, हर जीवन में मंगल लाए।। नव वर्ष की शुभकामनाएं💐🙏

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

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 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

सुकून (Sukoon)

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                          सुकून सुकून एक वह अनमोल खजाना है जो किसी को मिल जाए तो उसके आगे चांदी सोना रुपये पैसे का भी कोई मोल नहीं क्योंकि सुकून को पा सकते हैं खो सकते हैं लेकिन खरीद नहीं सकते। कितनों का यही दर्द कितनों का यही ग़म। ढूंढे जिसे ज़माना मिलता है ज़रा कम। हंसना यहीं रोना यहीं, पाना यहीं खोना यहीं, ना चांदी जहाँ सोना नहीं। दिल का सुकून होना वहीं।। आज उम्र के इस पड़ाव पर हम सभी की जिंदगी चक्की की तरह चलती है। जहां हमें सुकून ढूंढना पड़ता है और जब यह मिलता है तब वह किसी खजाने से कम नहीं लगता। एक ज़माना था जब यह हमेशा ही हमारे पास रहता था। जब दिल में उमंग थी कुछ पाना जुनून था बचपन के थे वो दिन जब दिल का सुकून था। अंत में मैं बस यही कहना चाहूंगी

हिंदी को स्वीकार करो (Hindi ko sweekar karo)

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 हिंदी को स्वीकार करो  (Hindi ko sweekar karo) वंचित अपने अधिकारों से, छलनी अपनों के वारों से, औरों पे पड़ती भारी जो। अपने ही देश में हारी वो।। एबीसी के चक्कर में, हस्ताक्षर में या अक्षर में, खोयी ऐसी हर दफ्तर में, वो निजी हो या सरकारी हो।। अंग्रेज़ी पर इतराते हम और हिंदी से घबराते हम चलो हिंदी को अपनाते हैं, चलो 2 का बटन दबाते हैं, एबीसीडी सीख ली हमने, अब क ख ग भी सिखाते हैं। हेलो हाय को बाय करो, नमस्कार को प्यार करो, हिंदुस्तान के वासी हो, हिंदी को स्वीकार करो।। Dr.Anshul Saxena