हिंदी को स्वीकार करो (Hindi ko sweekar karo)

 हिंदी को स्वीकार करो 

(Hindi ko sweekar karo)

वंचित अपने अधिकारों से,
छलनी अपनों के वारों से,
औरों पे पड़ती भारी जो।
अपने ही देश में हारी वो।।

एबीसी के चक्कर में,
हस्ताक्षर में या अक्षर में,
खोयी ऐसी हर दफ्तर में,
वो निजी हो या सरकारी हो।।

अंग्रेज़ी पर इतराते हम
और हिंदी से घबराते हम
चलो हिंदी को अपनाते हैं,
चलो 2 का बटन दबाते हैं,
एबीसीडी सीख ली हमने,
अब क ख ग भी सिखाते हैं।

हेलो हाय को बाय करो,
नमस्कार को प्यार करो,
हिंदुस्तान के वासी हो,
हिंदी को स्वीकार करो।।

Dr.Anshul Saxena 



Hindi Kavita about Hindi Diwas




Comments

Popular Posts

गृहणी (Grahani)

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

बेटियाँ (Betiyan)

सलीक़ा और तरीक़ा (Saleeka aur Tareeka)

सुकून (Sukoon)

तानाशाही (Tanashahi)

होली है (Holi Hai)

नव वर्ष शुभकामनाएं (New Year Wishes)

अभिलाषा: एक बेटी की

हर घर तिरंगा ( Har Ghar Tiranga)