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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

समझ दिल की (Samajh Di Ki)

   समझ दिल की (Samajh Di Ki)


यह जिंदगी भी बड़ी अजीब है। ग़ौर से देखो तो प्यार के लिए कम पड़ जाती है और नफ़रत के लिए बहुत बड़ी लगती है।
कमाल की बात तो यह है कि हम जिंदगी भर उन्हीं लोगों से लड़ने में मनमुटाव में उलझे रहते हैं जो हमारे आसपास होते हैं या हमारे बेहद करीब होते हैं। सच तो यह है कि इस दिखावे की दुनिया में आपको सच्चे लोग मिल जाएं तो ख़ुद को बहुत ख़ुशकिस्मत समझ लो। कोई ऐसा जो आपको सुनता हो, आपकी फ़िक्र करता हो, आपसे आपके दिल का हाल पूछता हो तो उसे ज़िंदगी भर संजो कर रखिएगा। ऐसी रिश्तों की क़द्र करिएगा जो आपको आप जैसे हैं वैसे अपनाते हैं, जो आपको छोटी-छोटी बातों के लिए आंकते नहीं है, जो आपसे दिल से जुड़ते हैं स्वार्थ से नहीं।

ठीक ही है कि कहाँ दर्द कम होता है किसी के हाल पूछने से बस तसल्ली हो जाती है कि कोई अपना है।
आपको पता है कभी-कभी दिल दिमाग से ज्यादा समझदारी से काम करता है। वह खुद को हल्का रखने के लिए लोगों के दिखावे को समझते हुए भी नजरअंदाज़ कर देता है।😄

करो महफ़ूज़ वो रिश्ता जो मिल के हाल लेता है।
जहां तुम डगमगाते हो तुम्हें वह ढ़ाल देता है।
बड़ा नादान है ये दिल धड़कता है समझता है।
दिखावा दोहरेपन का भी ये हँसके टाल देता है।।

By- Dr.Anshul Saxena 

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