माँ -बेटी (Maa- Beti)
इस जहां का दिया हर जुल्म उठा जाऊंगी मैं,
जब बुलाएगी तू मुझे दौड़कर आऊंगी मैं,
हर दर्द की आंधी से तुझको बचा लाऊंगी मैं,
तेरी सुरक्षा के लिए तूफ़ान सह जाऊंगी मैं।
तेरे सुकून के लिए कई रात जग जाऊंगी मैं,
आंख बंद हो या खुली बस तुझे पाऊंगी मैं,
तेरी मुस्कुराहट के लिए हर दर्द सह जाऊंगी मैं,
उज्जवल भविष्य तुझको मिले और क्या चाहूंगी मैं।।
छोटी सी तेरी जीत से हर जीत जीत जाऊंगी मैं,
तेरी बोली तेरे भाव सबको समझाऊंगी मैं,
आत्मनिर्भर तू बने कुछ ऐसा कर जाऊंगी मैं,
फिर रहूं या ना रहूं बस धैर्य को पाऊंगी मैं।।
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे हर जगह जाऊंगी मैं,
हर सजदे में शीश नवा आशीष दे जाऊंगी मैं
तेरे जन्म से मुझको नया जन्म मिला है
इस जन्म को अंत तक तेरे नाम कर जाऊंगी मैं।।
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By-Dr.Anshul Saxena
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