माँ (Maa)
माँ
मां के हाथ में स्वाद हजार,
दुनिया का कोई बाजार,
बेच ना पाए मां का प्यार।
वो सिर पर हथेली,
वो पूजा की थाली,
मां की दुआएं,
जाती न खाली।
ममता की महिमा
तो गीता का सार
पावन है जैसे हो
गंगा की धार।।
घर में हो मां
तो गले से लगाना
उसके हृदय को
कभी ना दुखाना।
किस्मत से मिलता है
मां का दुलार
सिर माथे रखना
दे खुशियां अपार।
चाहे जितना कमा लो
लगा लो भंडार
ममता का ऋण रहे
सब पर उधार।।
जीवन में मां,
ना मिलेंगी हजार।
मां का ही मोल,
सब दौलत बेकार।
डाॅ. अंशुल सक्सेना
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