Featured Post

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

Image
 एक चिंगारी नारी अभिमान की आवाज़ में कभी रीति में रिवाज़ में भक्ति है जो उस नारी को शक्ति जो उस चिंगारी को जितना भी उसे दबाओगे एक ज्वाला को भड़काओगे। उस अंतर्मन में शोर है बस चुप वो ना कमज़ोर है जितना तुम उसे मिटाओगे उतना मजबूत बनाओगे। बचपन में थामा था आंचल वो ही पूरक वो ही संबल तुम उसके बिना अधूरे हो तुम नारी से ही पूरे हो जितना तुम अहम बढ़ाओगे अपना अस्तित्व मिटाओगे। By- Dr.Anshul Saxena 

आजकल हर शख़्स व्यस्त है?


                                                            

                     


                     आज कल हर शख़्स व्यस्त है,
              कोई हकीक़त में तो कोई यूं ही व्यस्त है,
              कोई व्यस्तता में तो कोई मस्ती में मस्त है,
              कहीं मजबूरी तो कहीं ज़िम्मेदारी की गिरफ़्त है।
                     आज कल हर शख़्स व्यस्त है।

              कौन कितना और कहां व्यस्त है?
              कि वक़्त पर वक़्त देने का नहीं वक़्त है,
              झूठे दिखावों पे रिश्तों की शिक़स्त है,
                     आज कल हर शख़्स व्यस्त है।

             कोई बहुत करके भी कुछ और करने में व्यस्त है,
             कोई बेवजह वजह ढूंढने में व्यस्त है,
             कोई वक़्त की सुईओं का सलीक़े से अभ्यस्त है,
             कोई बेपरवाह सा मौज में अस्त व्यस्त है,

                  आज कल हर शख़्स व्यस्त है।
                  आज कल हर शख़्स व्यस्त है।

Comments

  1. Behtareen... perfect 👌👌👌👏👏👏

    ReplyDelete
  2. व्यस्त जिन्दगी जी कर भी मैं इतना व्यस्त नहीं हो पाया,
    तुमको याद किये बिन जीने का अभ्यस्त नहीं हो पाया।

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

अभिलाषा: एक बेटी की

गृहणी (Grahani)

सुनहरा बचपन

उम्र और सोच- एक कहानी (Umra Aur Soch- Ek Kahani)

अनोखे नौजवान (Anokhe Naujawan)

ऐ ज़िंदगी तेरी उम्र बहुत छोटी है

सच्चा गुरु (Sachcha Guru)

नारी - एक चिंगारी ( Naari Ek Chingari)

तानाशाही (Tanashahi)