अनोखे नौजवान (Anokhe Naujawan)
बाप की जेबें रोज ये ऐंठें
धुआं रोज उड़ाएं
ऐसे वैसे ऐश करा लो
पैसे कौन कमाए।
सड़क के चक्कर
लगा के अक्सर
खिचड़ी नई पकाएं
खाते ताने ये मनमाने
फिर भी ना पछताएं।
इधर दी रिश्वत उधर दी घूस
डिग्री लेकर आए
नेता तो बन जाएंगे
यदि कुछ भी ना बन पाए।
ओ सुकुमारों! अकल के मारो
जीवन बीता जाए,
कौन खिवैया डूबती नैया
तुम सबकी पार लगाए।
खाते ताने ये मनमाने
फिर भी ना पछताएं।
पढ़ाई में जीरो बनते हीरो
फैशन इनको भाये
कभी धुनें ये कभी पिटें ये
ऐसे नाम कमाएं।
इधर दी रिश्वत उधर दी घूस
डिग्री लेकर आए
नेता तो बन जाएंगे
यदि कुछ भी ना बन पाए।
ओ सुकुमारों! अकल के मारो
जीवन बीता जाए,
कौन खिवैया डूबती नैया
तुम सबकी पार लगाए।
Dr. Anshul Saxena
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