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Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

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 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

सच्चा गुरु (Sachcha Guru)

Sachcha Guru



गुरु वही जो सीख सिखा दे,
जीने की तरकीब बता दे,
जीवन पथ के अंधियारों में, 
आशाओं की ज्योत जला दे।।

लक्ष्य भेदकर नभ छूने सा,
शंखनाद मन में करवा दे,
भूले भटके अनजानों को,
सही मार्ग को जो दिखला दे।।
गुरु वही जो सीख सिखा दे...

ज्ञान जो बाँटे बहुत मिलेंगे,
गुरु कहो जिसे बहुत मिलेंगे,
दृढ़ संकल्प की नवलय का
नवगीत तुम्हारे ह्रदय जगा दे,

पुस्तक ज्ञान से ऊपर उठ,
जो जीने का उद्देश्य बता दे,
कर नमन उन गुरुओं को,
आदर से यह शीश नवा दे।।

शिक्षा का व्यापार करे जो,
स्वार्थ हेतु आघात करे जो,
आशाओं और अभिलाषाओं का,
निर्मम तुषारापात करे जो;

कोमलता को रौंद रौंदकर,
शिक्षक भक्षक बन कर जब,
मर्यादा का अर्थ भुलाकर, 
आदर्शों को जो झुठला दे;

ऐसे ढोंगी गुरुओं को
सतगुरु सत का पाठ पढ़ा दे🙏
उन अंतर्मन के रावण पर 
राम नाम की विजय करा दे।।🙏
By-Dr.Anshul Saxena 

इस कविता को एक बार सुनिए जरूर-




Comments

  1. शिक्षक दिवस पर अति उत्तम रचना लिखी है,आपको बहुत बहुत बधाइयां।

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  2. शिक्षक दिवस पर अति उत्तम रचना लिखी है,आपको बहुत बहुत बधाइयां।

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  3. Nice discription of actual teaching and today's environment of school... Happy teacher's day

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