सच्चा गुरु (Sachcha Guru)
गुरु वही जो सीख सिखा दे,
जीने की तरकीब बता दे,
जीवन पथ के अंधियारों में,
आशाओं की ज्योत जला दे।।
लक्ष्य भेदकर नभ छूने सा,
शंखनाद मन में करवा दे,
भूले भटके अनजानों को,
सही मार्ग को जो दिखला दे।।
गुरु वही जो सीख सिखा दे...
ज्ञान जो बाँटे बहुत मिलेंगे,
गुरु कहो जिसे बहुत मिलेंगे,
दृढ़ संकल्प की नवलय का
नवगीत तुम्हारे ह्रदय जगा दे,
पुस्तक ज्ञान से ऊपर उठ,
जो जीने का उद्देश्य बता दे,
कर नमन उन गुरुओं को,
आदर से यह शीश नवा दे।।
शिक्षा का व्यापार करे जो,
स्वार्थ हेतु आघात करे जो,
आशाओं और अभिलाषाओं का,
निर्मम तुषारापात करे जो;
कोमलता को रौंद रौंदकर,
शिक्षक भक्षक बन कर जब,
मर्यादा का अर्थ भुलाकर,
आदर्शों को जो झुठला दे;
ऐसे ढोंगी गुरुओं को
सतगुरु सत का पाठ पढ़ा दे🙏
उन अंतर्मन के रावण पर
राम नाम की विजय करा दे।।🙏
By-Dr.Anshul Saxena
इस कविता को एक बार सुनिए जरूर-
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