बेखौफ़ सोच -हमें क्या होना है?
बेखौफ सोच-हमें क्या होना है?
धो रहे हैं हाथ हम,अब दिमाग धोना है,
जो सोच के बेखौफ़ हैं,
हमें क्या होना है?
अंजाम जानते नहीं,
सलाह मानते नहीं,
सोच में है संक्रमण,
जो होना है वो होना है।
सुधर जाओ अभी वक्त है,
सरकार भी अब सख्त है,
कठिनाई के इस दौर में,
हमें संग होना है।
तुम्हारी कौन सी ईंट है?
कहां का रोड़ा है?
कभी इस्तमाल कर लो,
अगर दिमाग थोड़ा है।।
खुद भी डूब जाओगे,
कितनों को संग डुबाओगे,
तुम्हारा सगा संबंधी नहीं,
ये कोरोना है कोरोना है।।
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