आह्वान



            आह्वान

ज्वाला में है ज्योति जिसकी,
आदि अनंत है शक्ति।
जगजननी अंबे दुख हरनी,
स्वीकार करो ये भक्ति।।

करें आह्वान दीप जलाकर,
पावन कर दो धरती।
रिपु मूरख ने बहुत सताया,
दे दो इन से मुक्ति।।

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