Featured Post

Sashakt Naari ( सशक्त नारी)

Image
 सशक्त नारी एक नारी के जीवन के विविध रंग जितने दिखते हैं उससे कहीं अधिक गहरे होते हैं। नारी का अस्तित्व उसकी योग्यता या अयोग्यता को सिद्ध नहीं करता बल्कि जीवन में उसके द्वारा किए गए त्याग और उसकी प्राथमिकताओं के चुनाव को दर्शाता है। कहते हैं जीवन में सपना हो तो एक ज़िद होनी चाहिए और इस ज़िद पर डट कर अड़े रहना होता है। लेकिन एक नारी कभी सपने हार जाती है तो कभी सपनों को पूरा करने में अपने हार जाती है। नारी तो कभी अपने बच्चों में अपने सपने ढूंढ लेती है तो कभी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाकर अपनी खुशियों का बहाना ढूंढ लेती है। ऐसे में कभी कभी वह परिस्थितियों से छली जाती है तो कभी अपनों से ठगी जाती है। नारी के त्याग को उसकी कमज़ोरी समझने वालों के लिए  प्रस्तुत हैं मेरी यह चार पंक्तियां- ज़िद थी उड़ान की मगर अड़ नहीं पाई, मतलबी चेहरों को कभी पढ़ नहीं पाई, तुम क्या हराओगे उसे जो हर हार जीती है, अपनों की बात थी तो बस लड़ नहीं पाई।।

कोरोना सब पर भारी(Corona Sab Par Bhari)

Corona sab par bhari


कोरोना की महामारी,
कैसी पड़ गई सब पर भारी।

बढ़ती आइब्रोज बढ़ती दाढ़ी,
धक्का मार अब जीवन गाड़ी🤓।

सूट जींस या पहनें साड़ी
आंटी हो गई दीदी सारी
मुश्किल में सब पड़ गई भारी🙆‍♀️
कैसे करें अपनी तैयारी💇‍♀️
कोरोना की महामारी,
कैसी पड़ गई सब पर भारी।

वजन बढ़ा या पेट हो भारी 🧟‍♀️
योगा की कर लो तैयारी🧘‍♀️
सूचना जनहित में जारी🤫
पैर अभी ना करना भारी😉
कोरोना की महामारी,
कैसी पड़ गई सब पर भारी।

महिला घर-घर खेल रहीं थी,
अब आई पुरुषों की बारी।🤷‍♀️
झाड़ू खटका बर्तन डस्टिंग,
लगते दुश्मन अत्याचारी।।😡👊
कोरोना की महामारी,
कैसी पड़ गई सब पर भारी।

Dr.Anshul Saxena 

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

अभिलाषा: एक बेटी की

सुनहरा बचपन

उम्र और सोच- एक कहानी (Umra Aur Soch- Ek Kahani)

आजकल हर शख़्स व्यस्त है?

अनोखे नौजवान (Anokhe Naujawan)

सच्चा गुरु (Sachcha Guru)

ऐ ज़िंदगी तेरी उम्र बहुत छोटी है

कोरोना वायरस

रिश्तों के पत्ते (Rishton ke Patte)

क़त्ल (Katl)