कर्मवीर (Karmveer)

कर्मवीर (Karmveer)

Hindi poem about doctors and Police @expressionshub

आले को तलवार बना,
जो रोज युद्ध सा लड़ते हैं।
खुद का जीवन दांव पे रख,
जो सब की रक्षा करते हैं।
लज्जित होती मानवता
जब इन पर पत्थर पड़ते हैं।

सम्मान योग्य खाकी वाले
जनहित में तत्पर रहते हैं
शीश कटे या हाथ कटे,
जो मरते दम तक लड़ते हैं।
लज्जित होती मानवता
जब इन पर पत्थर पड़ते हैं।

करो नमन उन वीरों को
कर्म से जो ना डिगते हैं।
जीवन हित की शपथ ले जो
कर्तव्य मार्ग पर बढ़ते हैं।
लज्जित होती मानवता
जब इन पर पत्थर पड़ते हैं।

Dr.Anshul Saxena 

Comments

Abhinav Saxena said…
वर्तमान की घटनाओं का यथार्थ चित्रण, बहुत सुन्दर

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